Petrol and Diesel Price Today: दिल्ली में पेट्रोल की कीमत हुई 82.03 रुपये प्रति लीटर, जानें अपने प्रमुख शहरों के दाम
पेट्रोल के दाम में रविवार को फिर बढ़ोतरी दर्ज की गई. देश की राजधानी दिल्ली में पेट्रोल का दाम 82 रुपये प्रति लीटर से ऊपर चला गया है और चेन्नई में पेट्रोल 85 रुपये प्रति लीटर मिलने लगा है. बता दें कि देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतें अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम पर निर्भर करती हैं क्योंकि भारत तेल की अपनी जरूरत का अधिकांश हिस्सा आयात करता है.
नई दिल्ली, 30 अगस्त: पेट्रोल के दाम में रविवार को फिर बढ़ोतरी दर्ज की गई. देश की राजधानी दिल्ली में पेट्रोल का दाम 82 रुपये प्रति लीटर से ऊपर चला गया है और चेन्नई में पेट्रोल 85 रुपये प्रति लीटर मिलने लगा है. तेल विपणन कंपनियों ने रविवार को दिल्ली, कोलकाता और चेन्नई में पेट्रोल के दाम में नौ पैसे प्रति लीटर की वृद्धि की है जबकि मुंबई में पेट्रोल का दाम 10 पैसे प्रति लीटर बढ़ गया है.
इंडियन ऑयल की वेबसाइट के अनुसार, दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में पेट्रोल की कीमत बढ़कर क्रमश: 82.03 रुपये, 83.52 रुपये, 88.68 रुपये और 85 रुपये प्रति लीटर हो गई है. चारों महानगरों में डीजल की कीमत बिना किसी बदलाव के क्रमश: 73.56 रुपये, 77.06 रुपये, 80.11 रुपये और 78.86 रुपये प्रति लीटर पर स्थिर बनी हुई है. उधर, अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें साप्ताहिक आधार पर शुक्रवार को बढ़त के साथ बंद हुईं, लेकिन कच्चे तेल में पूरे सप्ताह सीमित दायरे में कारोबार हुआ.
अंतर्राष्ट्रीय वायदा बाजार इंटर कांटिनेंटल एक्सचेंज (आईसीई) पर ब्रेंट क्रूड का नवंबर डिलीवरी अनुबंध पिछले सत्र के मुकाबले 0.59 फीसदी की तेजी के साथ 45.87 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ जबकि सप्ताह के दौरान ब्रेंट का भाव 46.10 डॉलर प्रति बैरल तक उछला. इससे पिछले सप्ताह ब्रेंट क्रूड का भाव 44.35 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ था.
वहीं, अमेरिकी लाइट क्रूड वेस्ट टेक्सस इंटरमीडिएट यानी डब्ल्यूटीआई का अक्टूबर डिलीवरी वायदा अनुबंध 0.19 फीसदी की कमजोरी के साथ 42.96 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ जबकि सप्ताह के दौरान डब्ल्यूटीआई का भाव 43.78 डॉलर प्रति बैरल तक उछला जबकि इससे एक सप्ताह पहले डब्ल्यूटीआई 42.34 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ था. बता दें कि देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतें अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम पर निर्भर करती हैं क्योंकि भारत तेल की अपनी जरूरत का अधिकांश हिस्सा आयात करता है.