Petrol-Diesel Price: लगातार बढ़ रहे पेट्रोल-डीजल के दाम, नई रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचे ईंधन के दाम, जानें आपके शहर का भाव

वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव के बीच बेंचमार्क क्रूड 80 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर जाने के साथ ही पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी का दौर शुरू हो गया है. देशभर में लगातार दूसरे दिन भी ईधन के दाम में वृद्धि हुई.

पेट्रोल-डीजल के दाम (Photo Credits: Twitter)

नई दिल्ली: वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव के बीच बेंचमार्क क्रूड 80 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर जाने के साथ ही पेट्रोल (Petrol) और डीजल (Diesel) की कीमतों में बढ़ोतरी का दौर शुरू हो गया है. देशभर में लगातार दूसरे दिन भी ईधन के दाम में वृद्धि हुई. दिल्ली में आज पेट्रोल के दाम 0.30 रुपये बढ़कर 102.94 रुपये प्रतिलीटर और डीजल के भाव 0.35 रुपये बढ़कर 91.42 रुपये प्रतिलीटर हो गए. जबकि मुंबई में पेट्रोल 108.96 रुपये प्रतिलीटर (0.29 रुपये बढ़कर) और डीजल 99.17 रुपये प्रतिलीटर (0.37 रुपये बढ़कर) हो गया है. GST काउंसिल की मीटिंग में केंद्रीय वित्त मंत्रालय का बड़ा फैसला, पेट्रोल-डीजल अभी जीएसटी के दायरे में नहीं, बायोडीजल पर लगेगा 5 प्रतिशत कर

देश में पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतें बुधवार को अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गई, जबकि कच्चे तेल के 82 डॉलर प्रति बैरल के पार होने के बाद इन कीमतों में आगे ‘पर्याप्त’ बढ़ोतरी के आसार हैं. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल की कीमतों के 2014 के बाद अपने उच्चतम स्तर पर पहुंचने के बाद मूल्यों में फिर से बढ़ोतरी के साथ ईंधन के दाम चढ़े हैं.

स्थानीय करों के आधार पर कीमतें राज्यों में अलग-अलग होती हैं. उद्योग के सूत्रों ने कहा कि लागत और बिक्री मूल्य के बीच के अंतर को खत्म करने के लिए ‘‘पर्याप्त’’ बढ़ोतरी के आसार हैं. सूत्रों ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल और पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में सुधार की उम्मीद के चलते तेल कंपनियों ने मामूली बढ़ोतरी ही की थी.

एक सूत्र ने कहा, ‘‘तेल विपणन कंपनियों ने अभी तक पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतों में मामूली वृद्धि की है... हालांकि, सुधार नहीं होने की स्थिति में पर्याप्त मूल्य वृद्धि हो सकती है.’’ एक हफ्ते के भीतर पेट्रोल की कीमतों में छठी वृद्धि के साथ देश के ज्यादातर प्रमुख शहरों में इस ईंधन की कीमत 100 रुपये के पार हो गयी है.

इसी तरह, दो हफ्ते से भी कम समय में कीमतों में नौवीं वृद्धि के साथ मध्य प्रदेश, राजस्थान, ओडिशा, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के कई शहरों में डीजल की कीमत 100 रुपये के ऊपर चली गयी है. बाजार में ऊर्जा की कमी के बावजूद, ओपेक प्लस (तेल उत्पादक देश) द्वारा आपूर्ति की अपनी योजनाबद्ध क्रमिक वृद्धि को बनाए रखने के फैसले के बाद अंतरराष्ट्रीय तेल की कीमतें लगभग सात साल के उच्च स्तर पर पहुंच गयीं. वैश्विक बेंचमार्क ब्रेंट 82.37 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया.

तेल का शुद्ध आयातक होने के नाते, भारत पेट्रोल और डीजल की कीमतें अंतरराष्ट्रीय कीमतों के अनुसार रखता है. एक महीने पहले ब्रेंट 72 डॉलर प्रति बैरल से भी कम था. सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों - इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन, भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन ने क्रमश: 24 सितंबर और 28 सितंबर से डीजल एवं पेट्रोल की कीमतें बढ़ाने का सिलसिला फिर से शुरू कर दिया जिसके साथ ही उससे पिछले कुछ समय से मूल्य वृद्धि पर लगी रोक समाप्त हो गयी.

ईंधन की कीमतों में लगातार वृद्धि की विपक्षी दलों ने आलोचना की है और मांग की है कि सरकार उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए दोनों ईंधनों पर लगाए जा रहे रिकॉर्ड उत्पाद शुल्क में कटौती करे. सरकार ने अब तक इस मांग की अनदेखी की है.

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