नई दिल्ली, 21 जनवरी : उत्तर प्रदेश विधानसभा का चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आता जा रहा है वैसे-वैसे चुनावी मुद्दे भी साफ होते नजर आ रहे हैं. विकास के तमाम दावों के बीच कानून व्यवस्था को मजबूत करने को भाजपा अपनी सबसे बड़ी उपलब्धि मान रही है. पिछले 5 वर्षों में प्रदेश में पलायन के रूकने और दंगा नहीं होने देने को भी भाजपा लगातार अपनी उपलब्धियों के तौर पर प्रचारित कर रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी , भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा , गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह से लेकर प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक , भाजपा के तमाम राष्ट्रीय और प्रादेशिक स्तर के नेता मजबूत कानून व्यवस्था, दंगा और पलायन मुक्त उत्तर प्रदेश बनाने की बात कहते हुए समाजवादी पार्टी और उसके राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पर निशाना साधते नजर आते हैं.
दरअसल, भाजपा का यह मानना है कि उत्तर प्रदेश में उसका मुकाबला समाजवादी पार्टी से ही है इसलिए भाजपा लगातार 2012-2017 के अखिलेश यादव सरकार की तुलना 2017-2022 की योगी सरकार के कामकाज से करते हुए प्रदेश के बहुसंख्यक समुदाय के मतदाताओं को सीधा और स्पष्ट संदेश देने की कोशिश करती रहती है. शुक्रवार को भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कई ट्वीट करते हुए अखिलेश यादव पर निशाना भी साधा और अपने मजबूत वोट बैंक को संदेश देने की भी कोशिश की. यह भी पढ़ें : Haryana Shocker: युवक की घिनौनी हरकत, पहले भाई बन जान-पहचान बढ़ाई, फिर मौका पाकर अस्मत लूटी
दंगे और पलायन को लेकर अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर कहा , "'नए उत्तर प्रदेश' की जनता पलायन नहीं, प्रगति चाहती है और 'दंगा मुक्त प्रदेश' 'सपा मुक्त प्रदेश' जनता का संकल्प है." योगी ने अपने अगले ट्वीट में सपा मुखिया पर हमला जारी रखते हुए कहा, "जिनका मूल चरित्र ही अलोकतांत्रिक, आपराधिक वंशवादी हो, उनके मुंह से लोकतंत्र और विकास की बात हास्यास्पद है. विधानसभा चुनाव प्रत्याशियों की सूची सपा के 'दंगाई प्रेमी' और 'तमंचावादी' होने की पुष्टि करती है."