नई दिल्ली, 13 दिसंबर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित विभिन्न राजनीतिक हस्तियों ने शुक्रवार को 13 दिसंबर 2001 को संसद हमले में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की. प्रधानमंत्री ने अपने सोशल मीडिया एक्स हैंडल पर कहा, “2001 के संसद हमले में शहीद हुए लोगों को श्रद्धांजलि. उनका बलिदान हमारे देश को सदैव प्रेरित करता रहेगा. हम उनके साहस और समर्पण के लिए सदैव आभारी रहेंगे.” इससे पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद हमले में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की.
उन्होंने कहा, "मैं उन वीरों को अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं जिन्होंने 2001 में आज के दिन हमारी संसद की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी थी. उनका साहस और निस्वार्थ सेवा भाव हमें प्रेरित करता रहेगा. राष्ट्र उनके और उनके परिवारों के प्रति हमेशा कृतज्ञ रहेगा. इस दिन, मैं आतंकवाद से लड़ने के लिए भारत के अटूट संकल्प को दोहराती हूं. हमारा देश आतंकवादी ताकतों के खिलाफ एकजुट है." लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने भी संसद हमले में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की. यह भी पढ़ें : हफ्ते में दूसरी बार स्कूलों को मिली बम से उड़ाने की धमकी, बच्चों की पढ़ाई पर पड़ेगा असर: अरविन्द केजरीवाल
उन्होंने अपने सोशल मीडिया एक्स हैंडल पर कहा, “संसद परिसर में हुए आतंकी हमले की बरसी पर लोकतंत्र के इस आस्था स्थल की रक्षा करते हुए सर्वोच्च बलिदान देने वाले सुरक्षाकर्मियों और संसदीय कर्मचारियों को कोटि-कोटि नमन. साहस और कर्तव्यनिष्ठा का वह शौर्यवान समर्पण वंदनीय है, राष्ट्र के प्रति सर्वस्व न्योछावर का वह भाव सदैव प्रेरणा देता रहेगा.” कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने संसद हमले मे शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की.
उन्होंने कहा, “हम उन बहादुर कर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं, जिन्होंने 2001 में इसी दिन आतंकवादी हमले के खिलाफ संसद की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी. उनके अदम्य साहस और बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा. हम उनके परिवारों के साथ एकजुटता से खड़े हैं और आतंकवाद से लड़ने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हैं. भारत अपने शहीद नायकों की स्मृति का सम्मान करते हुए आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ और एकजुट है.” बता दें कि 23 साल पहले आज ही के दिन 13 दिसंबर 2001 को लोकतंत्र के मंदिर संसद भवन पर आतंकवादियों ने हमला बोल दिया था. हमारे जवानों ने अपने शौर्य का परिचय देते हुए इस हमले को नाकाम कर दिया था. लेकिन, इस हमले में हमारे आठ जवान शहीद हो गए थे.