Pariksha Pe Charcha: 'परीक्षा पे चर्चा' का बेसब्री से इंतजार है- पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि वह 'परीक्षा पे चर्चा' (पीपीसी) में छात्रों का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं.उन्होंने परीक्षाओं को मनोरंजक और तनाव मुक्त बनाने से संबंधित पिछले पीपीसी कार्यक्रमों के विषय और व्यावहारिक सुझाव भी साझा किए.

PM Modi in Ayodhya | ANI

नई दिल्ली, 28 जनवरी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि वह 'परीक्षा पे चर्चा' (पीपीसी) में छात्रों का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं.उन्होंने परीक्षाओं को मनोरंजक और तनाव मुक्त बनाने से संबंधित पिछले पीपीसी कार्यक्रमों के विषय और व्यावहारिक सुझाव भी साझा किए. प्रधानमंत्री ने शनिवार को सोशल मीडिया पर पोस्ट किया, "मैं परीक्षा के तनाव को दूर करने के तरीकों पर सामूहिक रूप से रणनीति बनाने के लिए परीक्षा योद्धाओं की सबसे यादगार सभा 'परीक्षा पे चर्चा' का उत्सुकता से इंतजार कर रहा हूं. आइए उन परीक्षा निराशाओं को अवसरों की खिड़की में बदल दें..."

एक अधिकारी ने कहा, "'परीक्षा पे चर्चा' एक वार्षिक परंपरा बन गई है, जिसका परीक्षा योद्धा, माता-पिता और शिक्षक सभी चिंता पर काबू पाने और अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए तत्पर हैं." केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के अनुसार, इस साल 'परीक्षा पे चर्चा' 2024 कार्यक्रम 29 जनवरी को भारत मंडपम में टाउन-हॉल फॉर्मेट में आयोजित किया जाएगा. कार्यक्रम में लगभग 3,000 प्रतिभागी प्रधानमंत्री के साथ बातचीत करेंगे. यह भी पढ़ें : Bharat Jodo Nyay Yatra in West Bengal: दो दिन के अवकाश के बाद शुरू हुई पश्चिम बंगाल में भारत जोड़ो न्याय यात्रा, राहुल गांधी पहुंचे बागडोगरा

अधिकारी ने कहा, प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेश से दो छात्रों और एक शिक्षक और कला उत्सव के विजेताओं को कार्यक्रम के लिए विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है. देश के विभिन्न हिस्सों से एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों (ईएमआरएस) के सौ छात्र शुरुआत के बाद पहली बार इस कार्यक्रम में भाग लेंगे.

'परीक्षा पे चर्चा' के वर्तमान 7वें संस्करण में सरकारी पोर्टल पर उल्लेखनीय 2.26 करोड़ पंजीकरण दर्ज किए गए. शिक्षा मंत्रालय ने कहा कि यह देशभर में छात्रों के बीच 'परीक्षा पे चर्चा' के व्यापक उत्साह को उजागर कर रहा है. केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने 'परीक्षा पे चर्चा' को लेकर चल रही तैयारियों की समीक्षा की. उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि 'परीक्षा पे चर्चा' छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों के लिए एक वार्षिक परंपरा बन गई है.

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