पाकिस्तान (Pakistan) की सरकार ने करतारपुर कॉरिडोर (Kartarpur Corridor)आने वाले प्रत्येक व्यक्ति से सुविधा शुल्क लेने का फैसला लिया है. इस बात कि जानकारी देते हुए पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता डॉक्टर मोहम्मद फैसल (Dr Mohammad Faisal) ने कहा कि श्रद्धालुओं से 1400 रुपये (20 डॉलर) लिया जाएगा. पाकिस्तान ने प्रवेश शुल्क के बजाय सर्विस टैक्स के नाम पर सिख श्रद्धालुओं से यह पैसे लेगा. माना जा रहा है कि ये पैसे पानी और यदि कोई बीमार पड़ता है तो उसके दवाई के लिए लिया जा रहा है. बता दें कि पाकिस्तान इस गलियारे से हर दिन 5,000 श्रद्धालुओं को गुरुद्वारा आने की इजाजत देने की बात कही है और विशेष मौकों पर इस संख्या को बढ़ाया भी जा सकता है.
इससे पहले भारत और पाकिस्तान (India and Pakistan) के बीच तीसरे दौर की बातचीत बेनतीजा रही थी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सिख श्रद्धालुओं (Sikh Pilgrims) के लिए प्रस्तावित करतारपुर गलियारे के मसौदा समझौते को अंतिम रूप देने में पाकिस्तान ने यह कहकर अड़ंगा लगा दिया था कि वे सभी तीर्थयात्रियों से 'सर्विस फीस' (Service Fee) वसूलेंगे. इसके साथ ही पाकिस्तान ने भारत की उस मांग को भी खारिज कर दिया था. जिसमें उसने करतारपुर गलियारे में आने-जाने के दौरान सिख तीर्थयात्रियों के साथ प्रोटोकॉल अधिकारी को भेजने की बात कही थी.
बता दें कि अटारी-वाघा बॉर्डर पर (भारत की तरफ) तीसरे दौर की बातचीत हो चुकी है. भारत-पाकिस्तान के बीच हुई इस वार्ता में सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव की 550वीं जयंती पर नवंबर में करतारपुर साहिब गलियारा खोलने के लिए समझौते के मसौदे को अंतिम रूप देने की उम्मीद थी. करतारपुर साहिब गलियारा भारत के गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे को पाकिस्तान के नरोवाल में करतारपुर साहिब गुरुद्वारे से जोड़ता है. संभावना है कि करतारपुर कॉरिडोर को गुरु नानक देव की नवंबर में पड़ रही 550वीं जयंती पर खोल दिया जाएगा.
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Dr Mohammad Faisal, Spokesperson, Ministry of Foreign Affairs, Pakistan: Pakistan will charge US$20 per person as service fees (not entrance fees) for #KartarpurCorridor. https://t.co/BgymKhxApY
— ANI (@ANI) September 12, 2019
गौरतलब हो कि नवंबर 2018 में भारत और पाकिस्तान ने करतारपुर में गुरुद्वारा दरबार साहिब को जोड़ने वाला गलियारा बनाने पर सहमति जताई थी. करतारपुर पाकिस्तान के नोरोवाल जिले में रावी नदी के पास और डेरा बाबा नानक से करीब चार किलोमीटर पर स्थित है.