कराची: पाकिस्तान (Pakistan) के लरकाना स्थित एक विश्वविद्यालय की हिंदू छात्रा निमृता कुमारी (Namrita Chandani) की रहस्यमय हालात में हुई मौत की जांच मामले में अहम प्रगति हुई है. सिंध हाईकोर्ट ने मामले की न्यायिक जांच का आदेश दिया है. पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि सिंध हाईकोर्ट ने लरकाना के सत्र एवं जिला न्यायाधीश को पत्र लिखकर यह आदेश दिया है. लरकाना के शहीद मोहतरमा बेनजीर भुट्टो मेडिकल विश्वविद्यालय के बीबी आसिफा डेंटल कॉलेज की अंतिम वर्ष की छात्रा निमृता की मौत की न्यायिक जांच के बारे में सिंध सरकार ने सत्र न्यायाधीश को पत्र लिखा था। लेकिन, लरकाना के सत्र न्यायाधीश ने कहा था कि सिंध हाईकोर्ट से आदेश मिलने पर ही वह यह जांच करेंगे. अब हाईकोर्ट से आदेश मिलने के बाद जांच का रास्ता साफ हो गया है.
इस बीच, निमृता की केमिकल परीक्षण रिपोर्ट रोहड़ी की सरकारी प्रयोगशाला की तरफ से जारी की गई है। तीन चिकित्सकों के संयुक्त हस्ताक्षर के साथ जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि निमृता के दो विसरा की जांच की गई। इनमें निमृता को किसी तरह का जहर दिए जाने का कोई प्रमाण नहीं मिला है, न ही इस किसी तरह के मादक पदार्थ के होने का कोई सबूत मिला है. पुलिस सर्जन डॉ. शम्स खोसो ने कहा है कि निमृता की हिस्टोपैथोलॉजी रिपोर्ट की प्रतीक्षा की जा रही है। इस रिपोर्ट के आने के बाद अंतिम पोस्टमार्टम रिपोर्ट जारी की जाएगी और मौत की वास्तविक वजहों का खुलासा किया जाएगा. यह भी पढ़े: कराची स्वस्थ्य विभाग के मेडिको लीगल सेक्शन के अधिकारियों ने पाकिस्तानी हिंदू लड़की की पोस्टमार्टम रिपोर्ट को लेकर जताया संदेह
गौरतलब है कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा था कि 16 सितम्बर को हॉस्टल के कमरे में हुई निमृता की मौत की वजह खुदकुशी लग रही है.प्रारंभिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी इसी तरफ इशारा किया गया लेकिन निमृता के घरवालों ने, जिनमें उनके चिकित्सक भाई भी शामिल हैं, इसे खारिज करते हुए कहा कि यह आत्महत्या नहीं बल्कि हत्या का मामला है। पुलिस ने इस मामले में अब तक चालीस लोगों से पूछताछ की है और निमृता के दो सहपाठियों को हिरासत में लिया है.