
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के सुंदर पहलगाम इलाके की हरी-भरी वादियां उस वक्त चीखों से गूंज उठीं जब बैसारन घाटी में घूम रहे पर्यटकों पर आतंकियों ने अंधाधुंध गोलियां बरसा दीं. इस दर्दनाक घटना में एक व्यक्ति की मौत हो गई और 12 से अधिक लोग घायल हो गए, जिनमें महिलाएं, पर्यटक और स्थानीय लोग शामिल हैं. यह हमला ऐसे समय पर हुआ है जब अमरनाथ यात्रा की तैयारियां चल रही हैं, और इसने सुरक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है.
J&K: पहलगाम में आतंकी हमला, घुड़सवारी करते पर्यटकों पर गोलीबारी; एक की मौत.
"भेलपूरी खा रहे थे... फिर मार दी गोली"
हमले की सबसे झकझोर देने वाली कहानी उस महिला की है, जिनके पति की महज धार्मिक पहचान पूछकर गोली मार दी गई. महिला ने बताया, "हम भेलपूरी खा रहे थे, तभी एक बंदूकधारी आया और मेरे पति से पूछा – 'क्या तुम मुस्लिम हो?' जब उन्होंने इनकार किया, तो उसे गोली मार दी गई."
मेरे पति को बचा लो
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में, वही महिला रोते हुए लोगों से अपने पति को बचाने की अपील करती नजर आती हैं. वो कहती हैं, "मेरे पति को बचा लो, प्लीज़..." लेकिन आंसुओं से भरी आवाज में बाकी बातें साफ नहीं हो पातीं. पास में खड़े लोग उन्हें ढांढस बंधा रहे हैं.
एक अन्य महिला, जो जमीन पर लहूलुहान पड़े एक शख्स की देखभाल कर रही थीं, बार-बार मदद की गुहार लगाती हैं, "सर, प्लीज़ मदद भेजिए... प्लीज..." इस हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है और यह दिखा दिया कि आतंक सिर्फ गोलियों से नहीं, बल्कि डर और असहायता की भावना से भी हमला करता है.
TRF ने ली हमले की जिम्मेदारी
इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकी संगठन TRF (The Resistance Front) ने ली है. हमला करने वाले आतंकियों ने फौजी वर्दी पहन रखी थी, जिससे वे आम लोगों में आसानी से घुलमिल गए. हमला करने के बाद वे इलाके में छिप गए, जिसके बाद सुरक्षा बलों ने व्यापक तलाशी अभियान शुरू कर दिया है.