कोलकाता: पश्चिम बंगाल (West Bengal) में कोविड-19 (COVID-19) के बढ़ते संक्रमण के बीच कोलकाता (Kolkata) के प्राइवेट अस्पतालों की 300 से अधिक नर्स (Nurse) नौकरी छोड़ अपने राज्य वापस जा रही है. सभी नर्से मणिपुर और देश के अन्य हिस्सों की बताई जा रही है. इससे महामारी के बढ़ते प्रकोप में भी कोलकाता के अस्पतालों में नर्सों की कमी हो गई है.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक 300 से अधिक नर्सों ने कोलकाता के निजी अस्पतालों में नौकरी छोड़ दी है. सभी मणिपुर और देश के अन्य हिस्सों में अपने घरों के लिए रवाना हो गईं है. एसोसिएशन ऑफ हॉस्पिटल्स ऑफ ईस्टर्न इंडिया (AHEI) ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव से इस मामलें में हस्तक्षेप की मांग की है. मणिपुर लौट चुकी एक नर्स ने बताया कि कोरोना वायरस के कारण उनका परिवार चिंतित है और नौकरी छोड़ने का दबाव बना रहा है. भयंकर तूफान में बदल सकता है ‘अम्फान’, 20 मई को पश्चिम बंगाल, बांग्लादेश के तट से टकराएगा: मंत्रालय
कोलकाता के 17 निजी चिकित्सा संस्थानों की संस्था एएचआईई ने राज्य के मुख्य सचिव राजीव सिन्हा को पत्र लिख इस संकट को दूर करने के लिए दखल की मांग की है. बताया जा रहा है कि इस हफ्ते की शुरुआत में कम से कम 185 नर्सें मणिपुर चली गई. जबकि शनिवार को 169 नर्सें नौकरी छोड़ मणिपुर, त्रिपुरा, ओडिशा और झारखंड अपने घर लौट गई. कोविड-19 को लेकर उठे विवाद के बीच पश्चिम बंगाल सरकार ने स्वास्थ्य सचिव का तबादला किया
एएचआईई के अध्यक्ष प्रदीप लाल मेहता का कहना है कि नर्सों के कोलकाता छोड़कर जाने का सही कारण पता नहीं चल सका है. लेकिन जो नर्सें अब भी यहां हैं उनका कहना है कि इस मणिपुर सरकार उन्हें घर वापसी के लिए लुभावने प्रस्ताव दे रही है. हालांकि मणिपुर के मुख्यमंत्री नांगथोमबम बीरेन सिंह ने इस दावे को खारिज कर दिया है.