
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने जानकारी दी है कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत अब तक 100 से अधिक आतंकवादियों को मार गिराया गया है और यह आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है. सूत्रों के मुताबिक, यह ऑपरेशन अब भी जारी है, जिससे सटीक संख्या बताना फिलहाल संभव नहीं है. भारत सरकार ने स्पष्ट किया है कि वह तब तक कोई प्रतिघात नहीं करेगी, जब तक पाकिस्तान की ओर से कोई उकसाने वाली कार्रवाई नहीं की जाती. सूत्रों के अनुसार, भारत की रणनीति फिलहाल सयंम और निगरानी पर आधारित है, लेकिन किसी भी संभावित खतरे से निपटने के लिए सुरक्षा बल पूरी तरह से तैयार हैं.
क्या है ऑपरेशन सिंदूर?
6-7 मई 2025 की रात भारत ने एक बड़ी कार्रवाई की, जिसका नाम था ऑपरेशन सिंदूर. ये ऑपरेशन भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान और पीओके (पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर) में मौजूद आतंकियों के ठिकानों पर किया. इसका मकसद था उन आतंकी अड्डों को खत्म करना, जहाँ से भारत पर हमलों की साजिशें रची जा रही थीं.
क्यों पड़ा नाम ‘सिंदूर’?
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में एक खौफनाक आतंकी हमला हुआ था, जिसमें 25 भारतीयों और 1 नेपाली नागरिक की जान गई थी. हमला करने वाले आतंकियों ने हिंदू पुरुषों को निशाना बनाया था, जिससे कई औरतें विधवा हो गईं. इसलिए इस जवाबी हमले को “सिंदूर” नाम दिया गया — भारतीय संस्कृति में सिंदूर शादीशुदा औरतों के सुहाग का प्रतीक होता है. यह ऑपरेशन उन विधवाओं को न्याय दिलाने की एक प्रतीकात्मक कोशिश था.
कैसे हुई प्लानिंग?
हमले के तुरंत बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल ने इसकी कमान संभाली. खुफिया एजेंसियों ने उन ठिकानों की पहचान की, जहाँ लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठन छिपे थे. फिर भारतीय वायुसेना ने रात 1:05 से 1:30 बजे के बीच 24 सटीक हमले किए.
किन-किन जगहों पर गिरे बम?
भारतीय राफेल लड़ाकू विमानों और मिसाइलों ने पाकिस्तान के बहावलपुर, मुजफ्फराबाद, कोटली, सियालकोट और मुरीदके जैसे इलाकों में हमला किया. ये इलाके पाकिस्तान की सीमा के अंदर 100 किलोमीटर तक थे. खास बात ये रही कि पाकिस्तान की सेना या किसी सरकारी ठिकाने को नहीं छुआ गया, ताकि बात ज़्यादा ना बिगड़े.
कितना हुआ नुकसान?
सूत्रों के मुताबिक, 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए, जिनमें कई बड़े कमांडर भी थे. मुजफ्फराबाद का सवाई नाला कैंप और बहावलपुर का "मार्कज़ सुब्हान अल्लाह" नाम का ठिकाना पूरी तरह तबाह कर दिया गया.
पाकिस्तान की सफाई और बौखलाहट
पाकिस्तान ने दावा किया कि हमले में 26 से 37 आम नागरिक मारे गए, जिनमें एक बच्चा और कुछ मस्जिदें भी शामिल हैं. इसके बाद पाकिस्तान ने लाहौर और सियालकोट के एयरपोर्ट बंद कर दिए और बॉर्डर पर फायरिंग तेज कर दी.
भारत का साफ संदेश
भारत ने ये साफ कर दिया कि ये आतंकवाद के खिलाफ उसका ठोस और तयशुदा जवाब है. इस बारे में संयुक्त राष्ट्र और दुनिया के बड़े देशों को भी जानकारी दे दी गई. प्रधानमंत्री मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि यह "न्याय की कार्रवाई" थी और भारत अब चुप बैठने वाला नहीं.
देश में कैसा रहा माहौल?
पूरे देश में इस ऑपरेशन को लेकर गर्व और भावुकता का माहौल रहा. लोग सोशल मीडिया पर इसे "भारत माता की जय" और "शहीदों को न्याय" जैसे नारों के साथ शेयर कर रहे हैं. यह सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं थी, बल्कि एक मजबूत संदेश था — कि अगर कोई भारत पर हमला करेगा, तो उसे करारा जवाब मिलेगा.