Ola Electric Layoffs: ओला इलेक्ट्रिक में 500 कर्मचारियों की होगी छंटनी! घाटे के बीच कंपनी ने लिया बड़ा फैसला
ओला इलेक्ट्रिक ने 500 कर्मचारियों को नौकरी से निकालने का फैसला लिया है. एक रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी का लक्ष्य खर्चों में कटौती करना और मुनाफा बढ़ाना है.
नई दिल्ली: ओला इलेक्ट्रिक, जो हाल ही में सरकार की जांच और बढ़ते घाटों के कारण विवादों में घिरी हुई थी, अब अपने कामकाजी ढांचे में बदलाव के लिए 500 कर्मचारियों को निकालने का फैसला लिया है. यह कदम कंपनी द्वारा अपनी संचालन क्षमता को बढ़ाने और "लाभप्रदता" की दिशा में काम करने के लिए उठाया गया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस पुनर्गठन प्रक्रिया का असर कई विभागों के कर्मचारियों पर पड़ेगा.
एक रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी का लक्ष्य खर्चों में कटौती करना और मुनाफा बढ़ाना है. हालांकि, इस प्रक्रिया को पूरा करने का कोई निर्धारित समय सीमा नहीं है. ओला इलेक्ट्रिक ने इस बारे में अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है.
ओला इलेक्ट्रिक का घाटा बढ़ा
ओला इलेक्ट्रिक की तिमाही रिपोर्ट के अनुसार, जुलाई से सितंबर के बीच कंपनी का नेट लॉस ₹495 करोड़ तक पहुंच गया, जो पिछले तिमाही में ₹347 करोड़ था. इसके अलावा, कंपनी का राजस्व भी 26.1 प्रतिशत गिरकर ₹1,214 करोड़ हो गया, जबकि पहली तिमाही में यह ₹1,644 करोड़ था. हालांकि, साल दर साल (YoY) नेट लॉस में कमी आई है.
कंपनी का भविष्य और प्रतिस्पर्धा
ओला इलेक्ट्रिक के संस्थापक भाविश अग्रवाल ने कहा कि कंपनी का ऑपरेशनल खर्चे में कमी आई है और आगे आने वाली तिमाहियों में इस पर और ध्यान दिया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि जैसे-जैसे कंपनी का वितरण बढ़ेगा, वैसे-वैसे राजस्व बढ़ेगा और ऑपरेशनल खर्चे स्थिर या कम हो सकते हैं.
वहीं, विशेषज्ञों के अनुसार, बढ़ती प्रतिस्पर्धा और सेवा नेटवर्क में चुनौतियों के कारण ओला इलेक्ट्रिक की बाजार हिस्सेदारी में गिरावट आई है. इस तिमाही में ओला की बाजार हिस्सेदारी घटकर 33 प्रतिशत रह गई, जो पिछली तिमाही में 49 प्रतिशत थी.
शेयर बाजार में गिरावट
ओला इलेक्ट्रिक के शेयर में भी बड़ी गिरावट देखने को मिली है. कंपनी के शेयर का मूल्य ₹67 के आसपास है, जो इसके आईपीओ मूल्य ₹76 से कम है और अपने सबसे उच्चतम स्तर ₹157.40 से 56 प्रतिशत नीचे है. ओला के बाजार पूंजीकरण में भी बड़ी कमी आई है, जो ₹69,000 करोड़ से घटकर ₹31,000 करोड़ तक पहुंच गया है.
ओला इलेक्ट्रिक की स्थिति फिलहाल मुश्किल दौर से गुजर रही है. घाटे में कमी लाने और अपने खर्चों को नियंत्रित करने के लिए यह छंटनी का कदम उठाया गया है, लेकिन आने वाले दिनों में कंपनी की योजनाओं और बाजार की स्थिति पर सबकी नजर बनी रहेगी.