नई दिल्ली: हरियाणा के नूंह में सोमवार को हुई हिंसा के बाद अब उस दिन की कई घटनाएं सामने आ रही हैं. इलाके में अभी भी तनाव बना हुआ है और पुलिस स्थिति पर कड़ी नज़र बनाए हुए है. कई इलाकों में इंटरनेट बंद है और पाबंदियां रखी जा रही हैं. नूंह हिंसा में एक महिला जज और उनकी बेटी बाल-बाल बची. धार्मिक यात्रा पर हमले के दौरान भीड़ ने नूंह की एक अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की गाड़ी पर हमला कर उसमें आग लगा दी. गनीमत यह रही कि हमले में जज और उनकी तीन साल की बेटी बच गईं. एक प्राथमिकी से यह जानकारी सामने आई है. Nuh Violence: हिंसा के बाद कई इलाकों में अभी भी तनाव, 5 अगस्त तक इंटरनेट बंद; देखें नूंह में कैसे हैं हालात.
100-150 लोगों की भीड़ ने किया हमला
नूंह शहर थाने में मंगलवार को दर्ज FIR में बताया गया कि अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एसीजेएम) अंजलि जैन की गाड़ी पर सोमवार को हमलावरों ने पथराव और गोलीबारी की, जिस कारण उन्हें और उनकी बेटी को अपनी जान बचाकर भागना पड़ा. एफआईआर में बताया गया कि एसीजेएम अंजलि जैन उस दिन अपनी 3 साल की बेटी और गनमैन साथ मेडिकल कॉलेज से वापस लौट रही थीं. इसी दौरान उनकी गाड़ी पर 100-150 लोगों की भीड़ ने हमला किया और पत्थरबाजी शुरू कर दी.
एफआईआर के अनुसार, ‘जज अपनी बेटी के साथ वॉक्सवैगन पोलो गाड़ी में थी उनके साथ गनमैन सियाराम भी थे. जज अंजलि जैन नलहर में दोपहर 2 बजे के करीब दवाई लेने के लिए अस्पताल पहुंची थीं. जब वे दिल्ली-अलवर रोड पर बंधन बैंक के पास पहुंचे, तब भीड़ ने पत्थर फेंकने शुरू कर दिए और हथियार लहराए. तभी गाड़ी पर पीछे से एक पत्थर आया और फायरिंग शुरू हो गई.'
जज, उनकी बेटी और उनके साथ के लोगों को नूंह के पुराने बस स्टैंड की एक वर्कशॉप में शरण लेनी पड़ी, जिन्हें बाद में कुछ वकीलों ने बचा लिया. FIR में बताया गया कि कार अगले दिन पूरी जली हुई मिली. पुलिस ने आईपीसी की धारा 148 (दंगा), 149 (गैरकानूनी सभा), 435 (नुकसान पहुंचाने के इरादे से आग लगाना), 307 (हत्या का प्रयास) और शस्त्र अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है.