नई दिल्ली: राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल (NSA Ajit Doval) ने सोमवार को एक बार फिर आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि आतंकवाद को खत्म करने के लिए कड़ी कार्रवाई की जरूरत है. एनएसए डोभाल NIA से जुड़े एक कार्यक्रम में ATS, STF प्रमुखों की एक बैठक में बोलते हुए आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान पर निशाना साधा. एनएसए ने कहा, पाकिस्तान ने आतंकवाद को अपने सिस्टम का हिस्सा बना लिया है, जिसका इस्तेमाल वह भारत के खिलाफ कर रहा है. हम आतंकियों को खत्म करने में सफल हो रहे हैं, लेकिन अब हमारा अगला निशाना आतंकियों की विचारधारा को खत्म करना है. उन्होंने कहा कि हमें आतंकवादियों की विचारधारा से लड़ाई लड़ने की बहुत जरूरत है.
एनएसए डोभाल ने कहा, अगर किसी अपराधी को स्टेट का सपोर्ट मिल जाता है तो वह बहुत बड़ी चुनौती बन जाता है. कुछ स्टेट्स को इस काम में महारात हासिल है. पाकिस्तान ने यही अपनी स्टेट पॉलिसी बना ली है. एनएसए ने बताया, 'FATF की कार्रवाईयों ने पाकिस्तान पर भारी दवाब बनाया हुआ है. एफएटीएफ ने इतना दवाब बनाया है जो कोई और नहीं कर सकता था.'
आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान को घेरा-
National Security Advisor (NSA), Ajit Doval: If a criminal has the support of a state, it becomes a great challenge. Some of the states have mastered this, in our case Pakistan has made it as an instrument of its state policy. https://t.co/Sa1fC4JJI7 pic.twitter.com/ijrbWuuPcd
— ANI (@ANI) October 14, 2019
पाकिस्तान पर FATF का दबाव-
National Security Advisor (NSA), Ajit Doval in Delhi: One of the biggest pressures that has come on Pakistan today is because of the proceedings of Financial Action Task Force (FATF), it has created so much pressure on them that probably no other action could have done. pic.twitter.com/OMilhPzScX
— ANI (@ANI) October 14, 2019
एनएसए डोभाल ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सभी के साथ मिलकर काम करना होगा. उन्होंने कहा कि लश्कर, हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों की जानकारी देना केवल एक एजेंसी के जिम्मे नहीं हो सकती है. उन्होंने कहा, 'कश्मीर में NIA का काम शानदार रहा है. एनएसए ने बताया मनी लॉन्ड्रिंग और अलगाववादियों के खिलाफ एनआईए में नियमों के अंदर शानदार काम किया है. NIA के कारण ही विदेशों से पैसा पाने वाले लोगों को अब मदद मिलनी बंद हो गई.