अब झारखंड में सियासी हैसियत बढ़ाना चाहते हैं चिराग पासवान, रविवार को रांची में पार्टी की बैठक
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की पार्टी लोजपा (आर) अब झारखंड में भी अपनी सियासी हैसियत बढ़ाना चाहती है. पार्टी ने 25 अगस्त रविवार को रांची में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है.
रांची, 24 अगस्त : केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की पार्टी लोजपा (आर) अब झारखंड में भी अपनी सियासी हैसियत बढ़ाना चाहती है. पार्टी ने 25 अगस्त रविवार को रांची में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है. शहर के एक बड़े होटल में होने वाली इस बैठक में झारखंड में नवंबर-दिसंबर में संभावित विधानसभा चुनाव के साथ-साथ हरियाणा और अगले साल बिहार विधानसभा के चुनाव की रणनीति पर अहम फैसले लिए जाने की संभावना है. यह बैठक इस लिहाज से भी अहम मानी जा रही है कि इसमें पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होना है. यह तय है कि एक बार फिर चिराग पासवान को सर्वसम्मति से इस पद के लिए चुना जाएगा.
राष्ट्रीय कार्यकारिणी के कई पदाधिकारी और सदस्य बैठक में शिरकत करने के लिए शनिवार को ही रांची पहुंच रहे हैं. इस बैठक के पहले लोजपा (आर) की झारखंड इकाई ने राज्य में 28 विधानसभा सीटें चिन्हित की हैं और इनपर चुनाव लड़ने का प्रस्ताव पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को भेजा है. बैठक में इस प्रस्ताव पर चर्चा होगी और इसके बाद तय होगा कि एनडीए फोल्डर के तहत कितनी और किन-किन सीटों पर दावेदारी पेश की जाए. यह भी पढ़ें : अमित शाह को याद करना चाहिए, भाजपा का गठबंधन नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी के साथ रहा : पवन खेड़ा
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र प्रधान कहते हैं कि हम झारखंड विधानसभा चुनाव में मजबूती के साथ उतरने को तैयार हैं. राष्ट्रीय नेतृत्व के निर्णयों और निर्देशों के तहत हम आगे कदम बढ़ाएंगे. हालांकि झारखंड के सियासी इतिहास में लोजपा ने आज तक कभी किसी चुनाव में जीत दर्ज नहीं की है. यहां कभी पार्टी का सुव्यवस्थित या मजबूत संगठनात्मक ढांचा भी नहीं रहा है. ऐसे में चिराग पासवान और उनकी पार्टी एनडीए नेतृत्व पर सीटों के लिए कितनी मजबूती के साथ दावा कर पाएगी, यह कहना मुश्किल है.
हाल में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में एनडीए फोल्डर के तहत झारखंड में सिर्फ दो पार्टियां भाजपा और आजसू मैदान में थीं. अब विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार की पार्टी जदयू और उसके बाद चिराग पासवान की पार्टी लोजपा (आर) की ओर से सीटों की दावेदारी पर फिलहाल एनडीए के सबसे बड़े घटक दल भाजपा की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.