राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर अब विभिन्न स्कूलों के बैंड बारी-बारी से नियमित तौर पर प्रस्तुति देंगे

नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर अब विभिन्न स्कूलों के बैंड बारी-बारी से नियमित तौर पर प्रस्तुति देंगे. रक्षा मंत्रालय और शिक्षा मंत्रालय ने संयुक्त रूप से यह निर्णय लिया है. शिक्षा मंत्रालय ने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) को शिक्षा मंत्रालय और राष्ट्रीय राज्य राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार के परामर्श से स्कूलों के बैंडों की एक सूची तैयार करने का निर्देश दिया है.

प्रतिकात्मक तस्वीर (Photo Credits Pixabay)

दिल्ली, 10 फरवरी: नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर अब विभिन्न स्कूलों के बैंड बारी-बारी से नियमित तौर पर प्रस्तुति देंगे. रक्षा मंत्रालय और शिक्षा मंत्रालय ने संयुक्त रूप से यह निर्णय लिया है. शिक्षा मंत्रालय ने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) को शिक्षा मंत्रालय और राष्ट्रीय राज्य राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार के परामर्श से स्कूलों के बैंडों की एक सूची तैयार करने का निर्देश दिया है. ऐसा इसलिए किया गया है ताकि स्कूल बैंड राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर प्रस्तुति दे सकें. स्मारक की पवित्रता को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय युद्ध स्मारक एवं संग्रहालय निदेशालय, एकीकृत रक्षा सेवा मुख्यालय के समन्वय से बैंड का स्थान, थीम, धुन आदि तय किया जा सकता है. यह भी पढ़ें: छत्तीसगढ़: नक्सल प्रभावित बस्तर में स्थापित किया गया महिला पुलिस बैंड

शिक्षा मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के शिक्षा विभागों से इस नियमित कार्यक्रम के हिस्से के रूप में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक एवं संग्रहालय, एकीकृत रक्षा सेवा मुख्यालय के समन्वय से प्रस्तुति करने के लिए अपने संबंधित राज्यों के स्कूलों से एक बैंड का चयन करने का अनुरोध किया है. सीबीएसई रक्षा मंत्रालय के सहयोग से सभी स्कूलों के साथ समन्वय स्थापित करेगा.

राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में इन स्कूल बैंडों की प्रस्तुति की संभावित तिथि 22 फरवरी, 2022 है, जो राष्ट्र को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक के समर्पण की तीसरी वर्षगांठ से पहले है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने 25 फरवरी, 2019 को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक राष्ट्र को समर्पित किया था.

रक्षा मंत्रालय एवं शिक्षा मंत्रालय की इस पहल का उद्देश्य स्कूली बच्चों में देशभक्ति, कर्तव्य के प्रति समर्पण, साहस और बलिदान के मूल्यों को जगाना और लोगों, विशेषकर युवाओं की भागीदारी को बढ़ाना है. युवाओं की भागीदारी इसलिए बढ़ाई जा रही है ताकि वे प्रतिष्ठित युद्ध स्मारक से जुड़े विभिन्न पहलुओं का अनुभव कर सकें. यह वीर गाथा परियोजना के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाता है, जिसे रक्षा तथा संस्कृति मंत्रालयों द्वारा संयुक्त रूप से बच्चों को शुरूआती दौर में युद्ध नायकों की वीरतापूर्ण कहानियों के बारे में जागरूक करने और उनमें राष्ट्रवाद की भावना को जागृत करने के लिए आयोजित किया गया था.

इसके अलावा देश में जल्दी ही 100 सैनिक स्कूल भी शुरू किए जाएंगे। देशभर के विभिन्न हिस्सों में शुरू किए जाने वाले इन स्कूलों में दाखिले के लिए सभी जानकारी आधिकारिक पोर्टल पर मौजूद होगी. सैनिक स्कूलों में दाखिला लेने के इच्छुक छात्र एक बारी में 10 सैनिक स्कूलों का विकल्प चुन सकते हैं. चुनें गए स्कूलों के विकल्प के आधार पर छात्रों को इन 10 सैनिक स्कूलों में से वरीयता के आधार पर दाखिला दिया जाएगा.

100 नए सैनिक स्कूल स्थापित करने के लिए सैनिक स्कूल सोसायटी (एसएसएस) ई-काउंसलिंग के संचालन के लिए एक स्वचालित प्रणाली विकसित करने की तैयारी में है. यह सरकार की सोच के अनुरूप पूरे देश में स्थापित किए जा रहे नए स्कूलों पर लागू होगा. इसके तहत छात्रों को सैनिक स्कूल के पाठ्यक्रम अनुपालन के साथ-साथ राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार आगे बढ़ने के अवसर प्रदान किए जाएंगे.

छात्रों की जानकारी के लिए सैनिक स्कूल सोसायटी (एसएसएस) ई-काउंसलिंग के लिए समय-सीमा के साथ आवेदन करने के संबंध में व्यापक रूप से प्रचार-प्रसार करेगी. यह सोसायटी पात्रता के लिए निर्धारित अंक से अधिक अंक प्राप्त करने वाले आवेदक छात्रों को समय-समय पर व्यक्तिगत रूप से उनके ईमेल या मोबाइल नंबर पर एक लिंक भेजेगा.

Share Now

\