कर्नाटक सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए राज्य के सभी मुस्लिम समुदायों को OBC (अन्य पिछड़ा वर्ग) की सूची में शामिल कर लिया है. इसका मतलब है कि अब राज्य सरकार के तहत नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में आरक्षण का लाभ सभी मुस्लिम उठा सकेंगे. राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अनुसार, कर्नाटक सरकार ने श्रेणी II-B के तहत राज्य के सभी मुस्लिमों को OBC माना है.
इस फैसले का क्या मतलब है?
- कर्नाटक में रहने वाले सभी मुस्लिम, चाहे वो किसी भी जाति या समुदाय से हों, उन्हें अब OBC आरक्षण का लाभ मिलेगा.
- इसका मतलब है कि सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए उन्हें OBC कोटे के तहत सीटें मिलेंगी.
- इससे मुस्लिम समुदाय के लोगों को शिक्षा और रोजगार के बेहतर अवसर मिलने की उम्मीद है.
क्या ये फैसला सही है?
इस फैसले पर अलग-अलग राय हो सकती है. कुछ लोग इसका स्वागत कर रहे हैं, तो कुछ लोग इसका विरोध भी कर रहे हैं.
As per the data from Karnataka government, all castes and communities of Muslims of Karnataka have been included in the list of OBCs for reservation in employment and educational institutions under the state govt. Under Category II-B, all Muslims of Karnataka state have been… pic.twitter.com/eh1IYF3FX0
— ANI (@ANI) April 24, 2024
समर्थन में तर्क
मुस्लिम समुदाय के कई लोग सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े हैं, इसलिए उन्हें आरक्षण की ज़रूरत है. इससे मुस्लिम समुदाय के लोगों का जीवन स्तर सुधरेगा और वो मुख्यधारा में शामिल हो सकेंगे.
आगे क्या?
ये देखना दिलचस्प होगा कि इस फैसले का क्या असर होता है और क्या अन्य राज्य भी इसी रास्ते पर चलते हैं. इस फैसले को अदालत में चुनौती भी दी जा सकती है.