भारतीय सेना का आतंकियों में खौफ, जैश-ए-मोहम्मद का नेतृत्व संभालने के लिए कोई तैयार नहीं
सुरक्षा बल के जवान (फाइल फोटो)

जम्मू-कश्मीर में सेना की ऑपरेशन में अब तक कई आतंकी ढेर हो चुके हैं. मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने कई खूंखार आतंकियों को मौत के घाट उतारकर उनके मन में खौफ भर दिया है. इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए अनंतनाग जिले में गुरुवार को सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन के साथ जुड़े दो कश्मीरी आतंकवादीयों को मार गिराया है. मारे गए आतंकतवादियों की पहचान बीजबेहारा निवासी 25 वर्षीय कश्मीरी युवक सफदर अमीन भट्ट और कुलगाम के मालीपोरा हबलीश निवासी बुरहान अहमद गनेई के रूप में हुई है.

लेफ्टिनेंट जनरल के जे एस ढिल्लों ने बुधवार को कहा था कि पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद सुरक्षा बलों ने घाटी में जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की जिससे ऐसी स्थिति बन गई है कि कोई भी इस संगठन का नेतृत्व लेने के लिए इच्छुक नहीं है. मीडिया से चर्चा के दौरान बताया कि 41 आतंकवादी मारे गए. इनमें से 25 जैश-ए-मोहम्मद के थे. 13 विदेशी आतंकवादी थे- पाकिस्तानी और A श्रेणी के आतंकी थे.

यह भी पढ़ें:- जम्मू-कश्मीर: अनंतनाग में मुठभेड़ में सेना ने मार गिराए दो आतंकी, सर्च ऑपरेशन जारी

 कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल ढिल्लन ने कहा, हमने जैश-ए-मोहम्मद के नेतृत्व को निशाना बनाया और अब स्थिति ऐसी है कि कोई भी घाटी में जैश की कमान नहीं संभालना चाहता. पाकिस्तान के सर्वश्रेष्ठ प्रयासों के हम जैश का शमन जारी रखेंगे. डीजीपी सिंह ने कहा कि घाटी में 14 फरवरी को हुए पुलवामा आतंकवादी हमले जैसे कुछेक मामलों को छोड़ 2018 में और उसके बाद से अब तक आतंकवाद को रोकने में कामयाबी मिली है.