महाराष्ट्र सरकार का आदेश, राज्य कर्मचारी ऑफिस में जींस या टी-शर्ट पहनकर न आएं
ख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार ने नया फरमान जारी करते हुए कहा है कि सरकारी और कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले कर्मचारी जींस, टी शर्ट या शॉर्ट वगैरह पहनकर दफ्तरों में ना आएं. राज्य सरकार ने यह फैसला इसलिए लिया है ताकि कर्मचारी प्रोफेशनल दिखाई दें. फिलहाल अभी तक सरकार की तरफ से इस फैसले की वजह नहीं बताई गई है. बता दें कि इस तरह का फैसला सिर्फ महाराष्ट्र की सरकार ने नहीं लिया है. इससे पहले भी देश के कई राज्यों की सरकारों ने इस तरह का फैसला लिया है. जैसे की पिछले साल बिहार की सरकार ने भी कैजुअल न पहनने की बात कही थी.
मुंबई:- मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार ने नया फरमान जारी करते हुए कहा है कि सरकारी और कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले कर्मचारी जींस, टी शर्ट या शॉर्ट वगैरह पहनकर दफ्तरों में ना आएं. राज्य सरकार ने यह फैसला इसलिए लिया है ताकि कर्मचारी प्रोफेशनल दिखाई दें. फिलहाल अभी तक सरकार की तरफ से इस फैसले की वजह नहीं बताई गई है. बता दें कि इस तरह का फैसला सिर्फ महाराष्ट्र की सरकार ने नहीं लिया है. इससे पहले भी देश के कई राज्यों की सरकारों ने इस तरह का फैसला लिया है. जैसे की पिछले साल बिहार की सरकार ने भी कैजुअल न पहनने की बात कही थी.
राज्य सरकार द्वारा जारी आदेश में महिलाओं के लिए साड़ी, सलवार, चूड़ीदार कुर्ता, ट्राउजर पैंट -शर्ट पहनने की बात की गई है. इसके साथ ही महिलाओं को जरूरत पड़ने पर दुपट्टा उपयोग में ला सकती हैं. जबकि पुरुष शर्ट-पैंट पहन सकते हैं. Night Curfew in Mumbai: मुंबई में नाइट कर्फ्यू लगाना चाहती हैं बीएमसी, सरकार की तरफ से मिला यह जवाब.
ANI का ट्वीट:-
जबकि राजस्थान में साल 2018 में सूबे की सरकार ने भी ऐसा ही आदेश जारी किया था. जिसमें कहा गया था कि दफ्तर में जींस-टीशर्ट पहनकर नहीं आएं. इस आदेश को श्रम विभाग के कमिश्वर द्वारा जारी की गई अधिसूचना में कहा गया था. वहीं, तमिलनाडु सरकार ने भी अपने कर्मचारियों के पोशाक को लेकर आदेश जारी कर कहा था कि कर्मचारियों से भारतीय और तमिल संस्कृति मिलते जुलते कपड़े पहनकर आएं.