क्या ममता बनर्जी को बोलने से रोका गया? बंगाल सीएम के आरोप पर नीति आयोग ने दिया जवाब

ममता बनर्जी आरोप लगाया कि उन्हें बोलने का मौका नहीं दिया गया और पांच मिनट में उन्हें स्टॉप कर दिया गया. हालांकि, नीति आयोग का कहना है कि माइक बंद करने का ममता बनर्जी का दावा गलत है.

Niti Aayog CEO, Mamata Banerjee

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक हुई. इस बैठक में कई राज्यों के मुख्यमंत्री ने हिस्सा लिया. इस बैठक में शामिल होने पहुंची ममता बनर्जी आरोप लगाया कि उन्हें बोलने का मौका नहीं दिया गया और पांच मिनट में उन्हें स्टॉप कर दिया गया. हालांकि, नीति आयोग का कहना है कि माइक बंद करने का ममता बनर्जी का दावा गलत है.

ममता बनर्जी के माइक बंद करने के आरोप पर नीति आयोग ने कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री मीटिंग में मौजूद थीं, उन्होंने लंच से पहले समय दिए जाने का अनुरोध किया. इस दौरान उन्होंने (ममता) अपना बयान दिया. मीटिंग में सभी को 7 मिनट का समय दिया गया था. रक्षा मंत्री ने सिर्फ समय को लेकर इशारा किया था. हमने सम्मानपूर्वक ममता बनर्जी की बातों को सुना और नोट किया. ममता के बीच मीटिंग से जाने के बाद भी उनके मुख्य सचिव कमरे में इंतजार कर रहे थे.

ममता बनर्जी का आरोप

बैठक से निकलने के बाद ममता बनर्जी ने कहा, "मैंने बैठक का बहिष्कार किया है. चंद्रबाबू नायडू को बोलने के लिए 20 मिनट दिए गए, असम, गोवा, छत्तीसगढ़ के सीएम ने 10-12 मिनट तक बात की. मुझे सिर्फ़ पांच मिनट बाद बोलने पर ही रोक दिया गया. यह गलत है. विपक्ष की ओर से, सिर्फ़ मैं यहां प्रतिनिधित्व कर रही हूं. नीति आयोग के पास कोई वित्तीय शक्तियां नहीं हैं, यह कैसे काम करेगा? इसे वित्तीय ताकत दें या योजना आयोग को वापस लाएं., मैंने अपना विरोध दर्ज कराया और मैं बाहर आ गई.'

नीति आयोग ने क्या कहा

नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीवीआर सुब्रमण्यम ने जानकारी साझा करते हुए बताया कि हमारे पास 10 अनुपस्थित और 26 प्रतिभागी थे. केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, तेलंगाना, बिहार, दिल्ली, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, झारखंड और पुडुचेरी से लोग अनुपस्थित थे.

उन्होंने कहा, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मौजूद थी. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने लंच से पहले बोलने देने का अनुरोध किया था. मैं सिर्फ तथ्य प्रस्तुत कर रहा हूं, कोई व्याख्या नहीं. उनकी ओर से एक बहुत ही स्पष्ट अनुरोध था, क्योंकि आम तौर पर हम अल्फाबेटिकल जाते हैं. पहले आंध्र प्रदेश से शुरू होता है, फिर अरुणाचल प्रदेश होते हुए आगे बढ़ता है.

हमने बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निवेदन का समायोजन किया. रक्षा मंत्री ने गुजरात से ठीक पहले उन्हें बुलाया और उन्होंने अपना वक्तव्य दिया. प्रत्येक मुख्यमंत्री को सात मिनट आवंटित किए जाते हैं और स्क्रीन के ऊपर सिर्फ एक घड़ी होती है, जो आपको शेष समय बताती है. यह सात से छह, पांच, चार और तीन तक जाता है. उसके अंत में यह शून्य दिखाता है. घड़ी में शून्य दिखाया, इसके अलावा और कुछ नहीं हुआ.

इस दौरान सीएम बनर्जी ने कहा कि मैं और बोलना चाहती थी, लेकिन मैं अब नहीं बोलूंगी. बस इतना ही था. इसके अलावा और कुछ नहीं था. हम सबने सुना. उन्होंने अपनी बात रखी और हमने सम्मानपूर्वक उनकी बातें सुनीं और नोट किया. मुख्य सचिव ने हिस्सा लेना जारी रखा और वह उनके जाने के बाद भी उपस्थित रहे. सीएम बनर्जी को कलकत्ता के लिए उड़ान पकड़नी थी.

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