लखनऊ. किसी शायर ने क्या खूब कहा है कि अगर हौसले बुलंद हो तो विपरीत परिस्थितियों में भी राहें बनने लगती हैं. कुछ ऐसा ही उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के भोपा थाना क्षेत्र के नीशू कुमार ने कर दिखाया है. नीशू ने जो कर दिखाया उससे उनका पूरा परिवार तो खुश है ही. उनके साथ पूरे राज्य में उनकी कामयाबी पर लोग चर्चा कर रहे हैं. नीशू का भारतीय नेशनल टीम में डिफेंडर के रूप में चयन हुआ है. नीशू का परिवार बेहद गरीब है और उनके लिए यहां तक पहुंचना आसान नहीं था लेकिन आज उनकी मेहनत को दुनिया सलाम कर रही है.
नीशू का परिवार आर्थिक तौर पर उतना मजबूत नहीं है. नीशू के पिताजी एक चपरासी की नौकरी करते हैं. नीशू के घरवाले बताते हैं कि वह 5 साल की उम्र से ही फुटबॉल खेलने लगा था. आज के इस दौर में जहां लोग क्रिकेट में जाना अधिक पसंद करते हैं वहीं नीशू ने फुटबॉल को अपना करियर बनाया. साल 2009 में नीशू ने चंडीगढ़ फुटबॉल एकेडमी से अपने करियर की शुरुआत की थी.
Son of a college peon in Muzzafarnagar's Bhopa is a part of the Indian football team. 21-year-old Nishu Kumar says, 'I started playing the game when I was 5 years old. We used to play it in our school ground under the guidance of our school sports teacher.' (05.07.18) pic.twitter.com/oMcQBAdl9C
— ANI UP (@ANINewsUP) July 6, 2018
आपको बता दें नीशू इंडियन सुपर लीग में बेंगलुरु एफसी के लिए खेलते हैं. खेल में उनके शानदार प्रदर्शन के बाद उन्हें भारतीय फुटबॉल टीम में शामिल होने का मौका मिला. नीशू विदेशी धरती पर भी अपने हुनर का लोहा मनवा चुके हैं. आज चर्चा में जब आए तो उनके इलाके के लोग भी उन्हें जानने लगें. लेकिन स्ट्रगल का दौर था तब उनके आसपास के लोगों को नहीं पता था कि नीशू एक बेहतरीन फुटबॉल खिलाड़ी है. जो आगे चलकर देश का नाम रोशन करेगा.