नई दिल्ली: निर्भया गैंगरेप केस (Nirbhaya Gangrape Case) में दोषी पवन के नाबालिग होने की याचिका को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने खारिज कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट में दोषी के वकील एपी सिंह ने दलील दी कि अपराध के समय पवन नाबालिग था. दोषी के वकील ने दिल्ली पुलिस पर पवन की उम्र संबधी जानकारी को गलत बाताने का आरोप लगाया. एपी सिंह ने कहा, दिल्ली पुलिस ने जानबूझकर पवन की उम्र संबंधी दस्तावेजों की जानकारी छिपाई है. वकील ने आगे कहा कि पवन की याचिका को हाई कोर्ट ने गलत ढंग से खारिज किया. सुप्रीम कोर्ट ने वकील से पूछा कि पुनर्विचार याचिका में भी यही मुद्दा उठाया गया था, इसे फिर क्यों उठा रहे हैं? इस पर वकील ने कहा- इस मामले में बड़ी साजिश हुई है.
याचिका में दावा किया है कि निर्भया गैंगरेप के समय यानी 16 दिसंबर, 2012 को दोषी पवन की उम्र 18 वर्ष से कम थी. दोषी के वकील ने कहा, अपराध के समय पवन की उम्र 17 साल, 1 माह और 20 दिन थी. इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट के समक्ष दायर याचिका में दावा किया गया था कि पवन के स्कूल प्रमाण-पत्र में उसकी जन्मतिथि आठ अक्टूबर 1996 है. दोषी पवन की इस याचिका को दिल्ली हाईकोर्ट खारिज कर चुका है. यह भी पढ़े: निर्भया गैंगरेप केस: दिल्ली हाईकोर्ट ने दोषी पवन गुप्ता की याचिका खारिज की, घटना के दौरान नाबालिग होने का किया था दावा
सुप्रीम कोर्ट से दोषी पवन की याचिका खारिज:
2012 Delhi gang-rape case: Supreme Court dismisses Special Leave Petition (SLP) filed by convict Pawan Kumar Gupta as the Court did not find any fresh ground in the matter. Pawan has claimed that he was a juvenile at the time of crime,& the Delhi High Court had ignored this fact. pic.twitter.com/8DrDGwSqQh
— ANI (@ANI) January 20, 2020
साल 2012 का मामला
निर्भया गैंगरेप केस 16 दिसंबर 2012 का है. इस घटना को सात साल पूरे हो चुके हैं. सात साल पहले 16 दिसंबर की रात दिल्ली में चलती बस में एक लड़की का बर्बरता से रेप किया गया. गैंगरेप के बाद निर्भया की गंभीर हालत में सड़क पर फेंक दिया गया था. दिल्ली में इलाज के बाद उसे एयरलिफ्ट करके सिंगापुर ले जाया गया था. गैंगरेप के बाद निर्भया 13 दिनों तक अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जूझती रही. जिंदगी से जंग करते-करते 29 दिसंबर को उसने दम तोड़ दिया था. 31 अगस्त 2013 को निर्भया के केस में आरोपी कोर्ट में दोषी साबित हुए थे.
इस मामले के 6 दोषियों में से एक नाबालिग था, जिसे सुधार गृह भेजा गया था. एक आरोपी रामसिंह ने तिहाड़ जेल में फांसी लगा ली थी. चार अन्य दोषियों- पवन, मुकेश, अक्षय और विनय शर्मा की फांसी के लिए दूसरी बार डेथ वॉरंट जारी हो चुका है. इसमें फांसी की तारीख 1 फरवरी मुकर्रर की गई है. पहले वॉरंट में यह तारीख 22 जनवरी तय की गई थी.