Nirbhaya Gangrape case: सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया के दोषी की फांसी पर रोक की याचिका खारिज की

निर्भया सामूहिक दुष्कर्म व हत्या मामले में दोषियों को फांसी की सजा दिए जाने में सिर्फ दो दिन बचे हैं, ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को अक्षय की क्यूरेटिव याचिका को खारिज कर दिया. निर्भया के दोषियों में से एक अक्षय ने फांसी की सजा पर रोक की मांग की थी। न्यायमूर्ति एन.वी.रमना की अध्यक्षता वाली और न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा, आर.एफ. नरीमन, आर. भानुमति व अशोक भूषण की पांच सदस्यीय पीठ की भानुमति और अशोक भूषण ने अक्षय की याचिका पर विचार किया.

सुप्रीम कोर्ट (Photo Credits: PTI)

नई दिल्ली. निर्भया सामूहिक दुष्कर्म व हत्या मामले में दोषियों को फांसी की सजा दिए जाने में सिर्फ दो दिन बचे हैं, ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को अक्षय की क्यूरेटिव याचिका को खारिज कर दिया. निर्भया के दोषियों में से एक अक्षय ने फांसी की सजा पर रोक की मांग की थी. न्यायमूर्ति एन.वी.रमना की अध्यक्षता वाली और न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा, आर.एफ. नरीमन, आर. भानुमति व अशोक भूषण की पांच सदस्यीय पीठ की भानुमति और अशोक भूषण ने अक्षय की याचिका पर विचार किया.

शीर्ष कोर्ट ने कहा, "मौत की सजा पर रोक के आवेदन को खारिज कर दिया गया है. इससे पहले शीर्ष अदालत ने दूसरे दोषियों मुकेश व विनय की क्यूरेटिव याचिकाओं को खारिज कर दिया है.सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को दोषी मुकेश सिंह की याचिका को खारिज कर दिया, इसमें राष्ट्रपति द्वारा दया याचिका को खारिज किए जाने की न्यायिक समीक्षा की मांग की गई थी. शीर्ष कोर्ट के इस फैसले के साथ मुकेश के सामने मौत की सजा के खिलाफ उपलब्ध अंतिम कानूनी उपाय भी समाप्त हो गया. यह भी पढ़े-निर्भया गैंगरेप केस: दोषियों को फांसी पर लटकाने के लिए पवन जल्लाद ने तिहाड़ में किया रिपोर्ट, 1 फरवरी को होनी है फांसी

न्यायमूर्ति आर.भानुमति, अशोक भूषण व ए.एस.बोपन्ना की पीठ ने कहा कि मामले से जुड़े सभी प्रासंगिक दस्तावेज राष्ट्रपति के समक्ष पेश किए गए और इसके बाद दया याचिका पर निर्णय लिया गया. अदालत ने कहा कि जेल में कथित दुर्व्यवहार और क्रूरता दोषी को दया देने के लिए कोई आधार नहीं है.

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