निर्भया केस: फांसी से पहले सभी दोषियों से पूछी गई उनकी आखिरी इच्छा
फांसी दिए जाने से पहले उनसे उनकी आखिरी इच्छा पूछी गई थी. जेल की नियामवली के अनुसार अधीक्षक और जिला मजिस्ट्रेट या अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में कैदी की वसीयत सहित किसी भी दस्तावेज पर हस्ताक्षर कराए जा सकते हैं या उसे संलग्न किया जा सकता है.
Nirbhaya Culprits Hanged: निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले के चारों दोषियों ने फांसी दिए जाने से पहले कोई आखिरी इच्छा जाहिर नहीं की थी. अधिकारी ने कहा, ‘‘ दोषियों ने अधिकारियों के समक्ष कोई आखिरी इच्छा जाहिर नहीं की थी.’’ फांसी दिए जाने से पहले उनसे उनकी आखिरी इच्छा पूछी गई थी. जेल की नियामवली के अनुसार अधीक्षक और जिला मजिस्ट्रेट या अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में कैदी की वसीयत सहित किसी भी दस्तावेज पर हस्ताक्षर कराए जा सकते हैं या उसे संलग्न किया जा सकता है.
बता दें कि पूरे देश की आत्मा को झकझोर देने वाले इस मामले के चारों दोषियों मुकेश सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय शर्मा (26) और अक्षय कुमार सिंह (31) को सुबह साढ़े पांच बजे तिहाड़ जेल में फांसी दे दी गई. वहीं, दोषियों को फांसी के फंदे पर लटकाने के बाद पवन जल्लाद ने कहा, जिंदगी में पहली बार चार फांसी देकर मैं खुश हूं. इस दिन के लिए मैं इंतजार करते-करते बूढ़ा हो गया. फांसी की सजा के साथ पवन जल्लाद ने एक नया रिकॉर्ड बना दिया है. दरअसल पवन जल्लाद के नाम तिहाड़ जले में एक साथ चार लोगों को फांसी देने का कारनामा जुड़ गया है.