अफगानिस्तान में हिंदू-सिख नेता निदान सिंह तालिबान के चंगुल से रिहा होने के बाद पहुंचे दिल्ली, परिवार हुआ भावुक
अफगानिस्तान में हिंदू और सिख समुदाय के नेता निदान सिंह (Nidan Singh) का पिछले महीने 22 जून को पकटिया प्रांत के चमकानी जिले से तालिबान आतंकियों ने अपहरण कर लिया था. उनका अपहरण अपहरणकर्ताओं ने उस समय किया जब वे वहां के एक गुरुद्वारे में सेवा कर रहे थे. कुछ दिन पहले उन्हें रिहा किए जाने के बाद वे रविवार को अफगान सिखों के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ दिल्ली पहुंचे. जहां पर उनके परिवार वाले उन्हें देखकर भावुक हो गए.
नई दिल्ली: अफगानिस्तान में हिंदू और सिख समुदाय के नेता निदान सिंह (Nidan Singh) का पिछले महीने 22 जून को पकटिया प्रांत के चमकानी जिले से तालिबानी आतंकियों ने अपहरण कर लिया था. उनका अपहरण अपहरणकर्ताओं ने उस समय किया जब वे वहां के एक गुरुद्वारे में सेवा कर रहे थे. कुछ दिन पहले उन्हें रिहा किए जाने के बाद वे रविवार को अफगान सिखों के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ दिल्ली पहुंचे. जहां पर उनके परिवार वाले उन्हें देखकर भावुक हो गए.
निदान सिंह का जिस पकटिया प्रांत से उनका अपहरण किया गया था. वह तालिबानियों का गढ़ माना जाता है. यहां अमेरिका और पाकिस्तान में प्रतिबंधित हक्कानी नेटवर्क का भी बेस है. इस इलाके में आतंकी घटनाओं के कारण अफगानिस्तान सरकार का नियंत्रण बहुत कम है. ऐसी स्थिति के बावजूद भारत निदान की सुरक्षित रिहाई के प्रयास में जुटा हुआ था. जो भारत निदान सिंह को रिहा करवा कर अपने मकसद में कामयाब हुआ. यह भी पढ़े: अफगानिस्तान: काबुल में गुरुद्वारे पर बड़ा आतंकी हमला, 27 सिख श्रद्धालुओं की मौत- मुठभेड़ में 4 आतंकी ढेर
बात दें कि निदान सिंह अफगानिस्तान में तालिबानियों के बढ़ते हिंसक गतिविधियों से परेशान होकर अपने परिवार के साथ 1992 में भारत आ गए थे. भारत में आने के बाद वे अपने परिवार के साथ दिल्ली में शरणार्थियों के रूप में रहने लगे. जहां पर अपना जीविका चलाने के लिए उन्होंने कुक का काम करने के साथ ही लंगरों में खाना भी बनाते थे.