
लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के अमरोहा जिले (Amroha) में स्थित इजराइल (Israel) की दवा कंपनी टेवा एपीआई (Teva API) पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने पर्यावरण नियमों का उल्लंघन करने के लिए 10 करोड़ का जुर्माना लगाया है. एनजीटी (National Green Tribunal) ने गैस लीक के आरोप में 10 करोड़ का जुर्माना लगाया. याचिकाकर्ता अधिवक्ता ने बताया "पर्यावरण नियमों का उल्लंघन करने पर कंपनी पर जुर्माना लगा है. पिछले साल कंपनी द्वारा गैस लीक के मामले सामने आए थे." प्लास्टिक पैकेजिंग पर एनजीटी के आदेश के खिलाफ याचिका पर सुनवाई को सहमत हुआ न्यायालय
मामले की सुनवाई करते हुए एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि फार्मास्युटिकल सामग्री (एपीआई) के निर्माण की खतरनाक गतिविधि का संचालन करने वाली टेवा एपीआई प्राइवेट लिमिटेड लिमिटेड जैसी बड़ी वैश्विक कंपनी पर्याप्त सुरक्षा उपायों के बिना काम कर रही है और पर्यावरण मानदंडों के उल्लंघन के बारे में चिंतित नहीं है.
उत्तर प्रदेश: अमरोहा में NGT ने इसराइल की एक दवा कंपनी पर गैस लीक के आरोप में 10 करोड़ का जुर्माना लगाया।
याचिकाकर्ता अधिवक्ता ने बताया, "पर्यावरण नियमों का उल्लंघन करने पर कंपनी पर जुर्माना लगा है। पिछले साल कंपनी द्वारा गैस लीक के मामले सामने आए थे। कंपनी के काम में कमी है।" pic.twitter.com/00xn17vrt9
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 9, 2021
अधिकरण ने कहा कि कंपनी भूजल के अवैध दोहन के उल्लंघन के साथ-साथ नाले के प्रदूषण के लिए स्पष्ट रूप से जिम्मेदार है. सुरक्षा मानदंडों का भी उल्लंघन किया गया है. एनजीटी ने कहा, ‘‘वर्तमान मामले में उल्लंघन की प्रकृति और विचाराधीन इकाई की वित्तीय क्षमता को ध्यान में रखते हुए मुआवजे की राशि 10 करोड़ रुपये तय की जाती है. इस राशि को एक महीने के भीतर जिला मजिस्ट्रेट के पास जमा करना होगा.’’
पीठ ने कहा, ‘‘भू-जल को बचाने, वनीकरण, भूनिर्माण, नाले के जीर्णोद्धार और आपातकालीन योजनों के लिए जिलाधिकारी खर्च की जाने वाली राशि को इससे अलग खाते में रख सकते हैं.’’
अधिकरण ने यह निर्णय दरअसल उत्तर प्रदेश के निवासी जितेंद्र सिंह द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई के बाद दिया है. याचिकाकर्ता ने दवा निर्माता कंपनी पर आरोप लगाया था कि 7 और 10 जून 2020 को गैस रिसाव की घटनाएं टेवा एपीआई से हुईं.