Not filing ITR?: टैक्स रिटर्न फाइल करने के दौरान रहें सावधान, अब इन प्रमुख Criteria में आने वाले लोगों को भी करना पड़ेगा आईटीआर फाइल

कोरोना महामारी के बीच देश की अर्थ व्यवस्था पटरी पर लाई जा सके. मोदी सरकार इसको लेकर लगातार प्रयास कर रहे हैं. इसी कड़ी में एक बड़ा कदम उठाते हुए सरकारी राजस्व को बढ़ाने के लिए टैक्स भरने को लेकर कई बड़े बदलाव किए हैं.

प्रतिकात्मक तस्वीर (Photo Credits ANI)

नई दिल्ली: कोरोना महामारी के बीच देश की अर्थ व्यवस्था पटरी पर लाई जा सके. वित्त मंत्रालय की तरफ से लगातार प्रयास किये जा रहे हैं. इसी कड़ी में एक बड़ा कदम उठाते हुए सरकारी राजस्व को बढ़ाने के लिए टैक्स भरने को लेकर कई बदलाव किए हैं. जिसमें सरकार ने किसी व्यक्ति के चालू खाते में एक करोड़ रुपये से अधिक की जमा या वित्त वर्ष के दौरान एक लाख रुपये या उससे अधिक के बिजली बिल का भुगतान होने पर आयकर रिटर्न भरना और उसका ब्यौरा देना अनिवार्य कर दिया है.  केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने आकलन वर्ष 2020-21 के लिए सहज (आईटीआर-1) फॉर्म, आईटीआर-2 फॉर्म, आईटीआर-3 फॉर्म, सुगम (आईटीआर-4), आईटीआर-5 फॉर्म, आईटीआर-6, आईटीआर-7 फॉर्म और आईटीआर-वी फॉर्म जारी किए हैं.  नए आयकर रिटर्न फॉर्म में करदाताओं को वर्ष के दौरान बड़े खर्चे के बारे में जानकारी देना अनिवार्य कर दिया है.

वहीं किसी व्यक्ति के चालू खाते में एक करोड़ रुपये से अधिक की जमा, विदेश यात्रा पर दो लाख रुपये या उससे अधिक का खर्च या वर्ष के दौरान एक लाख रुपये से अधिक बिजली बिल जैसे ऊंचे लेनदेन से जुड़ी जानकारियां देना अनिवार्य होगा. कोविड-19 संकट के चलते सरकार ने आयकर रिटर्न दाखिल करने को लेकर दी गयी विभिन्न छूटों का लाभ करदाताओं तक पहुंचाने के लिए आयकर विभाग ने वित्त वर्ष 2019-20 के आयकर रिटर्न फॉर्म में संशोधन किया है.  सरकर ने आयकर अधिनियम-1961 के तहत रिटर्न दाखिल करने की समयसीमा में कई रियायतें दी हैं.  इसके लिए सरकार कराधान एवं अन्य अधिनियम (कुछ प्रावधानों से राहत) अध्यादेश- 2020 लेकर आयी है. यह भी पढ़े: कोरोना संकट के बीच निर्मला सीतारमण का ITR को लेकर बड़ा फैसला, इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तारीख को 30 नवंबर 2020 तक बढ़ाया

सरकार के इस फैसले से जहां जो लोग अब तक टैक्स रिटर्न फाइल करते थे. उन्हें अब टैक्स रिटर्न फाइल पड़ेगा. क्योंकि अब तक कुछ छोटे कारोबारी टैक्स नहीं भरे भरते थे. बल्कि सरकार का टैक्स चुरा लेते थे. लेकिन इनकम टैक्स के नियमों में इस बदलाब के बाद से छोटे बड़े सभी कारोबारी जो  इस मानदंड के अंदर जो भी आयेंगे उन्हें टैक्स रिटर्न फाइल करना पड़ेगा. हालांकि राहत की बात है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने असेसमेंट ईयर 2020-21 के लिए आयकर रिटर्न भरने की आखिरी 30 नवंबर कर दी है. जो कोरोना महामारी के समय में जिसका कारोबार चौपट हो गया है. उसे टैक्स रिटर्न फाइल करने को लेकर जरूर थोड़ा टाइम जरूर मिल गया है. जो उनके लिए किसी बड़ी राहत से कम नहीं हैं.

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