मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बेटियों को सशक्त बनाने और लाडली लक्ष्मी योजना 2.0 के प्रचार- प्रसार के लिए 2 नवंबर 2022 को सभी 52 जिलों में एक रोड का नाम “लाडली लक्ष्मी पथ” रखा. इसके साथ ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने भोपाल में “लाडली लक्ष्मी वाटिका” में लाडली लक्ष्मी बेटियों के साथ पौधारोपण भी किया. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा, जैसे जैसे लाडली लक्ष्मी वाटिका के पेड़ बढ़ेगें, मेरी बेटियां भी वैसे लगातार आगे बढ़ती जाएगीं. साथ ही मुख्यमंत्री ने मध्यप्रदेश की लाडली बेटियों से कहा, मेरी लाडली लक्ष्मी बेटियां अगर तुमने सफलता का आसमान चूम लिया तो मामा की जिन्दगी धन्य हो गई.
जानिए क्या है मध्यप्रदेश की लाडली लक्ष्मी योजना
मध्यप्रदेश में बालिकाओं के जन्म के प्रति लोगों में सकारात्मक बदलाव, लिंगानुपात में सुधार, बालिकाओं के शिक्षा व्यवस्था और स्वास्थ्य में सुधार तथा उनके भविष्य को उज्जवल बनाने के लिए यह योजना चलाई जा रही है. इस योजना का उद्देश्य मध्यप्रदेश में बालिकाओं के सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित करना है. लाडली लक्ष्मी योजना की शुरुवात मध्यप्रदेश सरकार द्वारा 01 अप्रैल 2007 को की गई. यह भी पढ़ें :
लाडली लक्ष्मी योजना के लाभ
इस योजना से बालिका के नाम से सरकार की तरफ से 1,18000 रूपये का आश्वासन प्रमाण पत्र जारी किया जाता है. लाडली लक्ष्मी योजना के अन्तर्गत पंजीकृत बालिका को कक्षा 6 वीं में प्रवेश पर 2000 रूपये, कक्षा 9 वीं में प्रवेश पर 4000 रूपये , कक्षा 11 वीं में प्रवेश पर 6000 रूपये और कक्षा 12वीं में प्रवेश पर 6000 रूपये की छात्रवृत्ति मिलती है. लाड़ली बालिकाओं को कक्षा 12वीं के बाद स्नातक अथवा व्यवसायिक पाठ्यक्रम में (पाठ्यक्रम अवधि न्यूनतम दो वर्ष) प्रवेश लेने पर 25000 रूपये की प्रोत्साहन राशि दो समान किश्तों में पाठ्यक्रम के प्रथम एवं अंतिम वर्ष में दी जाती है. इसके साथ ही लाडली लक्ष्मी योजना में बालिका की आयु 21 वर्ष होने पर, कक्षा 12 वी की परीक्षा में शामिल होने पर और बालिका का विवाह, शासन द्वारा निर्धारित आयु पूर्ण करने पर 1 लाख की राशि का अंतिम भुगतान किये जाने का प्रावधान है .
लाडली लक्ष्मी योजना के योग्य बेटियां
इसमें 1 जनवरी 2006 या उसके बाद जन्म लेने वाली बेटियां को लाभ मिलेगा.
बालिका का नाम स्थानीय आंगनवाड़ी केन्द्र में पंजीकृत कराने पर इस योजना का लाभ मिलेगा.
बालिका के माता-पिता मध्यप्रदेश के मूलनिवासी होने पर ही बेटियां इसका लाभ उठा सकेगीं.