भारत-पाकिस्तान तनाव को कम करना चाहता है नेपाल, मध्यस्थता को लेकर कही ये बात
नेपाल ने शनिवार को यह कहते हुए भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाने की पेशकश की कि अपने मुद्दों को सुलझाने के वास्ते दोनों देशों के लिए वार्ता करना अहम है.नेपाल सरकार के एक सूत्र ने यहां कहा, ‘‘ वार्ता किसी भी समस्या को सुलझाने के लिए सबसे अच्छा तरीका है
काठमांडू: नेपाल ने शनिवार को यह कहते हुए भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाने की पेशकश की कि अपने मुद्दों को सुलझाने के वास्ते दोनों देशों के लिए वार्ता करना अहम है.नेपाल सरकार के एक सूत्र ने यहां कहा, ‘‘ वार्ता किसी भी समस्या को सुलझाने के लिए सबसे अच्छा तरीका है. मतभेद हो सकते हैं लेकिन उन्हें बातचीत के माध्यम से सुलझाया जा सकता है। यदि जरूरी हो तो हम मध्यस्थ की भूमिका भी निभा सकते हैं।’’सूत्र ने कहा कि मुद्दों को सुलझाने के लिए सबसे अच्छा तरीका दोनों देशों के बीच बेहतर संवाद कायम करना होगा. उसने कहा, ‘‘ हमारी भूमिका हो सकती है लेकिन (दोनों पक्षों के लिए) सीधा संवाद विकसित करना बेहतर होगा.’’
पिछले साल अगस्त में जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने के लिए संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया था. इस निर्णय के बाद पाकिस्तान ने भारत के साथ राजनयिक संबंध कम कर दिए थे और भारतीय राजनयिक को वापस भेज दिया था. सूत्र ने कहा, ‘‘ जब हम साथ आएंगे, बैठेंगे और अपने विचार साझा करेंगे तब चीजें सुलझेंगी. हर स्थिति में हमें एक साथ बैठना होगा और समस्या को सुलझाना होगा, अन्यथा चीजें बिगड़ सकती हैं.’’ यह भी पढ़े: भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव से बेहद चिंतित हैं अमेरिकी सांसद, जम्मू-कश्मीर की स्थिति को लेकर जाहिर की चिंता
दक्षिण एशिया क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) शिखर सम्मेलन को लेकर वर्तमान अनिश्चितता की स्थिति पर चिंता प्रकट करते हुए सूत्र ने कहा कि इस संगठन में प्राण फूंकने की जरूरत है और गलतफहमी दूर की जानी चाहिए।सूत्र ने कहा, ‘‘दक्षेस मृतप्राय नहीं है.यह जिंदा है। बस एक बात है कि हमारी बैठक नहीं हुई है. आशा है कि हम इसे पुन: जीवंत कर सकते हैं।’’पिछला दक्षेस सम्मेलन 2014 में काठमांडू में हुआ था जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिस्सा लिया था.