देश भर में आज धूमधाम से नौसेना दिवस (Indian Navy) मनाया जा रहा है. देश में नौसेना दिवस की शुरुआत 1971 के युद्ध के दौरान पाकिस्तानी नौसेना पर भारतीय नौसेना की साहसिक जीत की खुशी में मनाया जाता है. इसके बाद भारत में 4 दिसंबर को प्रतिवर्ष नौसेना दिवस धूमधाम से मनाया जाता है. भारतीय इतिहास के अनुसार भारतीय नौसेना की शुरुआत बहुत सालों पहले हुर्इ थी. भारतीय नौसेना की आधिकारिक वेब साइट के मुताबिक इसकी नींव, 1612 में पड़ी थी. खास बात यह है कि अब तक इसके नामों में कर्इ बार परिवर्तन हो चूका है. इसका आखिरी नाम 26, जनवरी, 1950 में बदला गया था और इंडियन नेवी रखा गया.
शुरूआत में 'मरीन इंडियन' नाम से जाना जाता था:
इंग्लैंड की महारानी एलिजाबेथ के आदेश पर 31 दिसंबर, 1600 में र्इस्ट इंडिया कंपनी की नींव रखी गर्इ थी. इसके बाद 5 सितंबर, 1612 को जब ये कंपनी गुजरात के स्वाली इलाके में पहुंची तो इसने अपने बेड़े की रक्षा के लिए 'इंडियन मरीन' नाम के एक सुरक्षा दस्ते का गठन किया था. जो उनके जहाजों की रक्षा कर सके.
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1686 में 'बांबे मरीन' कर दिया गया:
1686 में ब्रिटिश र्इस्ट इंडिया का व्यवसाय बंबई स्थानांतरित हो गया. ऐसे में इस सेना का नाम भी बदलकर बांबे मरीन हो गया. 'बांबे मरीन' नाम से पहचानी जाने वाली इस सेना ने मराठों और सिंधियों के खिलाफ युद्ध में विशेष भूमिका निभार्इ थी.
1830 में 'इंडियन नेवी' और 1877 में 'हर मजेस्टी इंडियन नेवी':
1830 में बांबे मरीन से बदलकर इसका नाम इंडियन नेवी कर दिया गया था. वहीं 1877 में इसे 'हर मजेस्टी इंडियन नेवी' के नाम से जाना जाने लगा. वहीं 1892 में इस सेना का नाम 'रॉयल इंडियन मरीन' में बदला गया था.
26 जनवरी, 1950 को पड़ा 'इंडियन नेवी':
1934 में रॉयल इंडियन मरीन को रॉयल इंडियन नेवी में संगठित कर दिया गया. इसके बाद इसका 'रॉयल' टाइटल 26 जनवरी, 1950 को भारत के एक गणतंत्र के रूप में गठित होने पर हटा दिया गया. इसके बाद से इसे 'इंडियन नेवी' के नाम से ही जाना जाता है.