दिल्ली सरकार को इस वजह से भरना पड़ेगा 50 करोड़ रुपए का दंड
स्टील पिकलिंग इकाई (Photo: Wikimedia Commons)

नई दिल्ली: राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने मंगलवार को रिहायशी इलाकों में चल रही स्टील पिकलिंग इकाइयों (स्टील से गंदगी, दाग, जंग हटाने वाली इकाइयों) के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने पर दिल्ली सरकार पर 50 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है. ये इकाइयां औद्योगिक गतिविधियों की प्रतिबंधित सूची में हैं.

एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल ने अपने निर्देशों के बाद भी इन औद्योगिक इकाइयों को बंद नहीं करने पर दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार की खिंचाई की.

पीठ ने कहा कि नदी में अनुपचारित अपशिष्ट प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से छोड़ने से पर्यावरण को गंभीर क्षति हुई है. क्षतिपूर्ति के लिए ‘प्रदूषण फैलाने वाले को हर्जाना उठाना होगा’ का सिद्धांत लागू करना होगा.

पीठ ने कहा, “हम कार्रवाई करने में निष्क्रियता एवं असफलता और पर्यावरण एवं जन स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने को लेकर दिल्ली सरकार पर 50 करोड़ रुपये का जुर्माना लगा रहे हैं. यह दिल्ली सरकार पर है कि वह यह राशि दोषी उद्योगों से वसूलती हैं या फिर दोषी अधिकारियों से.”

उसने कहा, “यह राशि आज से एक महीने के भीतर सीपीसीबी के पास जमा कर दी जानी चाहिए. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अपने प्रमुख की स्वीकृति से एक उचित योजना बना कर इस राशि को ऐसे इलाकों में पर्यावरण के सुधार के लिए खर्च कर सकता है.”

अधिकरण ने दिल्ली सरकार को तत्काल प्रभाव से इन इकाइयों को बंद करने के भी निर्देश दिए.

ऑल इंडिया लोकाधिकार संगठन नाम के गैर सरकारी संगठन की ओर से दायर अर्जी पर एनजीटी ने यह आदेश पारित किया.