कोटा शहर में फिर एक स्टूडेंट ने आत्महत्या कर ली. कोटा के एक कोचिंग में JEE की तैयारी कर रही 18 साल की छात्रा ने अपने ही घर के कमरे में फांसी का फंदा लगाकर सुसाइड किया है. जिस छात्रा ने अपनी जान दी है उसका 2 दिनों बाद ही JEE Mains का एग्जाम था. छात्रा के कमरे से सुसाइड नोट भी मिला है जिसमें छात्रा ने एग्जाम के दबाव का जिक्र किया है. इस सुसाइड नोट में लिखा है, मम्मी-पापा मैं JEE नहीं कर सकती इसलिए सुसाइड कर रही हूं, मैं कारण हूं , मैं सबसे खराब बेटी हूं, सॉरी मम्मी पापा यही लास्ट ऑप्शन है. कोटा में NEET की तैयारी कर रही छात्रा ने की आत्महत्या, एक साल में यहां 29 लोगों ने दी जान.
सुसाइड करने वाली छात्रा का 31 जनवरी को एग्जाम था. जानकारी के मुताबिक कोचिंग का कोर्स खत्म होने के बाद वो घर से ही परीक्षा की तैयारी कर रही थी. कोटा में करीब एक हफ्ते में और कुल मिलाकर इस साल यह दूसरी आत्महत्या है. सुसाइड करने वाली छात्रा निहारिका जेईई मेन्स की तैयारी कर रही थी और उसने कोटा के शिक्षा नगरी इलाके में अपने घर के कमरे में फांसी लगा ली.
इससे पहले बीते मंगलवार को और पुलिस ने कोटा के न्यू राजीव गांधी नगर इलाके के एक छात्रावास के कमरे से उत्तर प्रदेश निवासी अभ्यर्थी का शव बरामद किया था. जवाहर नगर क्षेत्र के उप पुलिस अधीक्षक भवानी सिंह ने बताया कि मृतक की पहचान उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले के निवासी मोहम्मद जैद (19) के रूप में हुई है, वह शहर के एक कोचिंग संस्थान में नीट के दूसरे प्रयास की तैयारी कर रहा था.
‘कोटा हॉस्टल एसोसिएशन’ के अध्यक्ष नवीन मित्तल ने बताया कि जिस कमरे में घटना हुई, वहां के पंखे में खुदकुशी रोकने के लिए उपकरण नहीं लगा था, जो कि जिले के छात्रावासों के लिए निर्धारित दिशा-निर्देशों का उल्लंघन है. कोटा जिले के अधिकारियों ने छात्रावासों को छत वाले पंखों में एक स्प्रिंग की तरह का उपकरण लगाने का आदेश दिया था जो खुदकुशी के प्रयासों को विफल करने में काफी मददगार है.
कोटा में पिछले साल छात्रों के आत्महत्या के 26 मामले सामने आये थे, जो कि कोचिंग के इस गढ़ में एक साल में सबसे अधिक मामले हैं. यहां देशभर से हर साल लाखों छात्र मेडिकल और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी के लिए आते हैं.