Mumbai-Nagpur Expressway: मुंबई-नागपुर एक्सप्रेसवे पर पर्यटक बस के ट्रक से टकराने से 3 की मौत, 15 घायल
Road Accident (Photo Credit: ANI)

अमरावती (महाराष्ट्र), 25 जनवरी : मुंबई-नागपुर समृद्धि एक्सप्रेस-वे (Mumbai-Nagpur Expressway) पर गुरुवार को अमरावती के तालेगांव-दशासर के पास एक टूरिस्ट ट्रैवल्स की बस एक कंटेनर ट्रक से टकरा गई, इससे तीन यात्रियों की मौत हो गई और 15 अन्य घायल हो गए. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. . 30 से अधिक यात्रियों वाली बस समृद्धि कॉरिडोर पर तेज गति से जा रही थी, तभी सुबह करीब 5 बजे अचानक आगे एक कंटेनर ट्रक से टकराने के बाद सड़क के डिवाइडर से टकरा गई.

बस में सवार कम से कम तीन लोगों की तुरंत मौत हो गई और 15 अन्य घायल हो गए, इनमें आठ की हालत गंभीर है, जिन्हें तालेगांव-दशासर और अमरावती के अस्पतालों में ले जाया गया है. प्रत्यक्षदर्शियों से मिली प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, बस चालक को गाड़ी चलाते वक्त झपकी आ गई होगी, इसके कारण यह हादसा हुआ. घटना के समय बस में सवार ज्यादातर यात्री गहरी नींद में सो रहे थे. दुर्घटना के बाद ड्राइवर मौके से भाग गया है और पुलिस उसकी तलाश कर रही है. यह भी पढ़ें : योजनाओं का लाभ शत-प्रतिशत लाभार्थियों तक पहुंचाना ही सच्ची धर्मनिरपेक्षता, सामाजिक न्याय है : मोदी

पुलिस और बचाव दल मौके पर पहुंचे और बस के अंदर फंसे अन्य यात्रियों को निकाला. नागपुर स्थित काउंसिल फॉर प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स (सीपीआर) के अध्यक्ष बैरिस्टर विनोद तिवारी ने कहा कि उनके एनजीओ और कई अन्य लोगों ने समृद्धि एक्सप्रेसवे पर बार-बार उपयुक्त अंतराल पर सुविधाओं की मांग की है, जिसने 'हाईवे टू हेल', 'किलर' जैसे उपनाम अर्जित किए हैं. उन्होंने विश्वेश्वरैया राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (वीएनआईटी) नागपुर के एक हालिया अध्ययन का हवाला दिया, जिसमें सुविधाओं की कमी को उजागर किया गया है.

इसके ट्रैफिक इंजीनियरिंग विभाग के छात्रों की रिपोर्ट में कहा गया है कि बिना ब्रेक के लंबे समय तक गाड़ी चलाने के बाद, ड्राइवरों में 'हाईवे सम्मोहन' विकसित हो जाता है, एक ऐसी स्थिति जिसमें वह गाड़ी चलाते समय ज़ोन से बाहर हो जाते हैं. स्टीयरिंग पर पूर्ण नियंत्रण के बिना और आस-पास की किसी भी चीज़ पर ध्यान दिए बिना बस गाड़ी चलाते रहते हैं और यह याद रखने में असमर्थ होते हैं कि उस विशिष्ट अवधि में क्या हुआ. तिवारी ने कहा कि 1 जुलाई, 2023 की बड़ी त्रासदी के बावजूद, जब उसी एक्सप्रेसवे पर बुलढाणा में बस दुर्घटना में 25 यात्रियों की मौत हो गई, "अधिकारियों ने कोई सबक नहीं सीखा और प्रभावी उपचारात्मक उपाय नहीं किए और राजमार्ग 'मौत का रास्ता' बना हुआ है."