मुंबई: देश की आर्थिक राजधानी मुंबई के अरब सागर में प्रस्तावित छत्रपति शिवाजी महाराज स्मारक पर रोक लगाने से मुंबई उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को मना कर दिया है. बात दें कि शिवाजी महाराज की प्रतिमा की ऊंचाई 210 मीटर होगी, जो कि जो कि गुजरात में बने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी 28 मीटर ऊंची है.
मुख्य न्यायाधीश नरेश पाटिल और न्यायमूर्ति गिरीश कुलकर्णी की एक खंडपीठ सभी याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करते हुए मुंबई के अरब सागर में छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति निर्माण पर अंतरिम रोक लगाने से इनकार कर दिया.
एक याचिका में इस परियोजना के लिए सरकार की आलोचना की गई कि समूचे राज्य में सूखे के हालात हैं तथा अन्य महत्वपूर्ण मसले हैं जिस पर ध्यान देने की आवश्यकता है, और सरकार स्मारक पर 3600 करोड़ रूपये खर्च कर रही है.
Bombay High Court has refused to give interim stay on the construction of Chhatrapati Shivaji statue in the Arabian Sea near Mumbai. #Maharashtra
— ANI (@ANI) November 2, 2018
याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए वकील ने दलील दी कि इस परियोजना से 16 हजार मछुआरे प्रभावित हुए हैं क्योंकि प्रस्तावित मूर्ति के क्षेत्र में मछली पकड़ने को प्रतिबंधित कर दिया गया है.
बता दें कि इस साल जून में महाराष्ट्र सरकार ने इस परियोजना के लिए लार्सन एंड टूब्रो के साथ समझौता किया था. इस पर काम पिछले महीने शुरू हो गया और इसके अगले 36 महीने में पूरा होने की उम्मीद है.