Mumbai: कोरोनावायरस के मामलों में गिरावट के बावजूद नवजात सहित पांच बच्चों में खतरनाक पोस्ट-कोविड बीमारी एमआईएस-सी का पता चला

भारत अपने अत्यधिक प्रभावी दिशानिर्देशों, त्वरित-कार्रवाई प्रतिक्रिया और व्यापक टीकाकरण अभियान के माध्यम से, लंबे समय से COVID-19 संक्रमणों पर अंकुश लगाने में कामयाब रहा है. कोरोनावायरस के मामले अब तक के सबसे निचले स्तर पर हैं. हालांकि, अस्पताल द्वारा बच्चों में असामान्य लेकिन समान रूप से खतरनाक मल्टीसिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम (एमआईएस-सी) के मामलों की रिपोर्ट करना जारी है...

Covid-19 Representational image (Photo Credit- Pixabay)

मुंबई, 8 फरवरी: भारत अपने अत्यधिक प्रभावी दिशानिर्देशों, त्वरित-कार्रवाई प्रतिक्रिया और व्यापक टीकाकरण अभियान के माध्यम से, लंबे समय से COVID-19 संक्रमणों पर अंकुश लगाने में कामयाब रहा है. कोरोनावायरस के मामले अब तक के सबसे निचले स्तर पर हैं. हालांकि, अस्पताल द्वारा बच्चों में असामान्य लेकिन समान रूप से खतरनाक मल्टीसिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम (एमआईएस-सी) के मामलों की रिपोर्ट करना जारी है. एक रिपोर्ट में कहा गया है कि मुंबई स्थित राजकीय जेजे अस्पताल ने पिछले 60 दिनों में एमआईएस-सी के पांच मामले दर्ज किए हैं, जिनमें एक नवजात शिशु भी शामिल है. यह भी पढ़ें: COVID-19: देश में अब तक पाए गए कोरोना के 11 वैरिएंट, सभी पर भारतीय कोविड वैक्सीन पूरी तरह कारगर

जब तक निदान और जल्द से जल्द इलाज नहीं किया जाता है, तब तक यह बीमारी जीवन के लिए खतरा बन सकती है. रिपोर्टों में कहा गया है कि स्थिति, कई बार कावासाकी रोग की नकल करती है जो बुखार और चकत्ते के साथ आती है. जेजे डीन डॉ. पल्लवी सपले ने कहा, "अस्पताल के मामले दिखाते हैं कि डॉक्टरों को कोविड-19 पर संदेह करना बंद नहीं करना चाहिए, भले ही कोरोनोवायरस के मामलों में काफी गिरावट आई हो. एमआईएस-सी मुश्किल है और जब तक डॉक्टरों को संदेह नहीं होता, वे इसे चूक सकते हैं."

मल्टीसिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम क्या है?

मल्टीसिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम (MIS) COVID-19 से जुड़ी एक दुर्लभ लेकिन गंभीर स्थिति है, जिसमें शरीर के विभिन्न अंगों में सूजन हो जाती है, जिसमें हृदय, फेफड़े, गुर्दे, मस्तिष्क, त्वचा, आंखें या जठरांत्र संबंधी अंग शामिल हैं. स्थिति बच्चों (MIS-C) और वयस्कों (MIS-A) को प्रभावित कर सकती है.

MIS-C को पहली बार अप्रैल 2020 में यूके में COVID-19 वैश्विक प्रकोप के कुछ महीनों के भीतर डिटेक्ट और पहचाना गया था, जहां डॉक्टरों ने कावासाकी रोग के समान बच्चों में लक्षणों की सूचना दी थी.

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