Mumbai Cyber ​​Police को मिली बड़ी सफलता, Digital Fraud मामले में 7 आरोपी किए गिरफ्तार; ₹58 करोड़ की हुई थी ठगी
Mumbai Digital Arrest Scam

Mumbai Digital Arrest Scam: मुंबई साइबर पुलिस ने ₹58 करोड़ की डिजिटल धोखाधड़ी (Digital Fraud) के मामले में सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है. गुरुवार को गिरफ्तार किए गए चार आरोपियों में शाहिद सलीम, जाफर सैयद, इमरान शेख और मोहम्मद सलीम शेख शामिल हैं. पुलिस के अनुसार, उनके प्रत्येक बैंक खाते में ₹4 से ₹5 लाख ट्रांसफर किए गए थे. यह मामला तब सामने आया जब मुंबई के एक शेयर व्यापारी (Stock Trader) ने शिकायत की थी कि उसके बैंक डिटेल्स  हैक कर लिए गए हैं और करोड़ों रुपये धोखाधड़ी से निकाल लिए गए हैं.

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CBI के नाम पर ठगी

आरोपियों ने खुद को Delhi Police और CBI का अधिकारी बताते हुए उसे धमकाया था. उन्होंने दावा किया कि उसके खाते में जमा की गई राशि एक अवैध लेनदेन (Invalid Transaction) का हिस्सा है. उन्होंने वीडियो कॉल पर फर्जी पहचान पत्र और दस्तावेज दिखाकर पीड़ित को यह विश्वास दिलाया कि वे वास्तव में कानूनी कार्रवाई में शामिल हैं.

भयभीत और भ्रमित व्यापारी ने उनकी बातों पर विश्वास कर लिया और पैसे ट्रांसफर कर दिए, जो बाद में कई खच्चर खातों के माध्यम से विभिन्न राज्यों में ट्रांसफर कर दिए गए.

जांच में क्या पता चला?

इससे पहले बुधवार को पुलिस (Mumbai Police) ने अब्दुल खुइली, अर्जुन कडवासरा और उनके भाई जेठाराम कडवासरा को गिरफ्तार किया था. उनके खातों में ₹25 लाख जमा किए गए थे. जांच में पता चला कि एयरकूल एंटरप्राइजेज (Aircool Enterprises) और मेघदूत ट्रेडिंग कंपनी (Meghdoot Trading Company) जैसे फर्जी व्यावसायिक खातों का इस्तेमाल इस पैसे को जमा करने के लिए किया गया था.

बाकी आरोपियों की पहचान जारी

एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, आरोपी गिरोह सीबीआई और दिल्ली पुलिस जैसी एजेंसियों का नाम लेकर लोगों को धमकाता है. खासकर बुजुर्ग लोग "Money Laundering" या "Digital Arrest" जैसे शब्द सुनकर घबरा जाते हैं और गलती से पैसे ट्रांसफर कर देते हैं.

मुंबई साइबर सेल ने कहा कि वे अब इन खातों को फ्रीज करने और बाकी आरोपियों की पहचान करने के लिए कई बैंकों के साथ काम कर रहे हैं. पिछले एक साल में अकेले मुंबई में 102 डिजिटल अरेस्ट के मामले दर्ज किए गए हैं.

साइबर फ्रॉड से कैसे बचें?

साइबर पुलिस ने जनता से अपील की है कि अगर उन्हें कोई धमकी भरा कॉल या ईमेल मिले, तो वे तुरंत 1930 साइबर हेल्पलाइन या स्थानीय पुलिस स्टेशन से संपर्क करें.