Happy Holi 2024: होली के दिन यहां मनाया जाता है मातम, वजह जानकार हो जाएंगे हैरान

होली रंगों का त्योहार है. इस दिन लोग सभी गिले-शिकवे भूलकर एक दूसरे से खुशियां बांटते हैं. लेकिन यूपी के रायबरेली में एक गांव ऐसा भी है जहां लोग होली के त्योहार पर लोग मातम मनाते हैं. इस दिन यहां न तो किसी के घर में गुझिया बनता है, न ही महिलाएं सजती संवरती हैं और न ही यहां रंगोत्सव मनाया जाता है.

Holi | Pixabay

Happy Holi 2024: होली रंगों का त्योहार है. इस दिन लोग सभी गिले-शिकवे भूलकर एक दूसरे से खुशियां बांटते हैं. लेकिन यूपी के रायबरेली में एक गांव ऐसा भी है जहां लोग होली के त्योहार पर मातम मनाते हैं. इस दिन यहां न तो किसी के घर में गुझिया बनता है, न ही महिलाएं सजती संवरती हैं और न ही यहां रंगोत्सव मनाया जाता है.

आपको यह जानकर हैरानी जरूर हुई होगी, लेकिन यह सच है. यहां होली न मनाने के पीछे की वजह 700 साल पुरानी एक घटना है.

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कस्बा डलमऊ के लोगों के मुताबिक, उनके पूर्वजों ने उन्हें बताया था कि डलमऊ के राजा डल देव एक बार गंगा नदी में नहाने गए थे. उसी समय जौनपुर के मुगल शासक शाहशर्की की बेटी सलमा भी नदी में नौका विहार करने आई थीं. नदी के किनारे एक मुलाकात में ही दोनों लोगों को एक-दूसरे से मोहब्बत हो गई. इसके बाद उन्होंने सलमा से विवाह कर लिया और उन्हें महल लेकर चले आए.

यह बात जब जौनपुर के मुगल शासक शाहशर्की को पता चली तो उसने डलमऊ किले पर आक्रमण कर दिया. इस युद्ध में असफल होने के बाद मुगल शासक ने बदला लेने के लिए दूसरी योजना पर काम करना शुरू कर दिया. कुछ दिन इंताजार के बाद उसने होली वाले दिन डलमऊ पर दोबारा धावा बोल दिया. इस दौरान अपनी प्रजा की रक्षा के लिए राजा डल ने मुगल सेना का डटकर सामना किया और वीरगति को प्राप्त हो गए.

यही वजह है कि होली के दिन डलमऊ कस्बे के लोग अपने राजा की मौत पर शोक मनाते हैं.

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