भुवनेश्वर: ओडिशा के रहने वाले 70 वर्षीय दैतारी नायक (Daitari Naik) को अपने गांव में पहाड़ खोदकर तीन किलोमीटर लंबी नहर बनाने के लिए इस साल पद्म श्री अवार्ड (Padma Awardee) से सम्मानित किया गया था. लेकिन वे अब अपने उस अवार्ड को वापस करना चाहते है. अवार्ड वापस करने के पीछे उनका कहना है कि जब से उन्हें यह सम्मान मिला है. तब से ही उनको काम नहीं मिल रहा है. ऐसे में उनकी और उनके परिवार की हालत ऐसी हो गई है कि उन्हें दो वक्त की रोटी भी नसीब नहीं हो रही है.
सम्मान मिलने के बाद नायक का कहना है कि लोग उनका काफी सम्मान करने लगे हैं, हालांकि इनमें से कुछ ऐसे भी हैं जो अब उन्हें अमीर होने का ताना देने लगे हैं. जबकि उन्हें इसका फायदा होने की जगह नुकसान ही हुआ है. क्योंकि अब लोग उन्हें इज्जत भरी नजरों से देखते हैं और उन्हें काम देने से कतराते हैं. दैतारी नायक तो अपने बयान में यह भी कहा कि आज जीवित रहने के लिए चींटी के अंडे खा रहे हैं. वह कभी केंदू के पत्तों और कभी आम के पापड़ बेचकर अपना जीवन यापन कर रहे हैं. यह भी पढ़े: पद्मश्री अवार्ड 2019: फ्रीस्टाइल रेसलर बजरंग पुनिया, टेबल टेनिस स्टार शरत कमल सहित इन खिलाड़ियों को मिला पद्मश्री अवार्ड
दैतारी नायक द्वारा पद्म श्री अवार्ड लौटने की बात पर क्योंझर जिले के कलेक्टर आशीष ठाकरे का बयान आया है. उन्होंने कहा है कि हम इस बारे में पूछताछ करेंगे कि नायक पद्मश्री क्यों लौटाना चाहते हैं. काम को लेकर उनकी कोई समस्या है तो उनकी समस्या सुनी जायेगी और उन्हें काम दिलवाया जाएगा.
दैतारी को इसलिए लिए मिला सम्मान
बता दें कि दैतारी नायक ओडिशा के क्योंझर जिले के खनिज संपन्न तालबैतरणी गांव के रहने वाले हैं. उन्होंने सिंचाई के लिए 2010 से 2013 के बीच अकेले ही गोनासिका का पहाड़ खोदकर तीन किलोमीटर लंबी नहर बना दी थी. इस नहर से अब 100 एकड़ जमीन की सिंचाई होती है. उनके इसी कार्य को लेकर इस साल उन्हें पद्म श्री अवार्ड से सम्मानित किया गया.