चेन्नई, 10 मार्च: राजीव गांधी हत्याकांड (Rajiv Gandhi assassination) में दोषी और 1999 से जेल की सजा काट रहे पेरारिवलन (Perarivalan) को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद उनकी मां अर्पुथम्मल अब उनकी शादी की योजना बना रही है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के कड़े प्रतिरोध के बीच 9 मार्च को पेरारिवलन को जमानत दे दी है. उनकी आजीवन कारावास में छूट के लिए एक याचिका भारत के राष्ट्रपति के पास अनुमोदन के लिए लंबित है. यह भी पढ़ें: शीर्ष अदालत ने राजीव गांधी की हत्या के दोषी पेरारिवलन की जमानत मंजूर की
अर्पुथम्मल अपने बेटे की जमानत के लिए दर-दर भटक रही थी. उन्होंने चेन्नई में मीडिया से बात करते हुए कहा, "मेरे बेटे ने पहले कहा था कि उसे शादी में कोई दिलचस्पी नहीं है, क्योंकि वह जेल और घर के बीच भाग रहा था. वह नहीं चाहता था कि एक और महिला इस हालात से गुजरे, लेकिन अब स्थिति बदल गई है और इसलिए शादी अगला कदम होगा."
पेरारिवलन की मां तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन से 28 मई, 2021 को उनके पदभार ग्रहण करने के तुरंत बाद मिली थी और उन्हें बताया था कि उसका बेटा मूत्राशय के संक्रमण से पीड़ित है और उसके लिए 30 दिनों की छुट्टी का अनुरोध किया. छुट्टी दे दी गई थी जिसे हर महीने और 30 दिनों के लिए बढ़ा दिया गया था.
उसने मीडियाकर्मियों को बताया कि पेरारिवलन पिछले नौ महीनों से घर पर था और विभिन्न बीमारियों का इलाज करवा रहा था और अब उसकी सेहत काफी बेहतर है. अर्पुथम्मल ने कहा कि पेरारिवलन निर्दोष है और सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद वह उसके बरी होने की उम्मीद कर रहे थे. सुप्रीम कोर्ट ने 1999 में राजीव गांधी हत्याकांड के चारों दोषियों मुरुगन, नलिनी, शांतन और पेरारिवलन की मौत की सजा को बरकरार रखा है.
जबकि नलिनी की मौत की सजा को संविधान के अनुच्छेद 161 के तहत कम किया गया था, अन्य तीन की मौत की सजा को सुप्रीम कोर्ट ने 2014 में आजीवन कारावास में बदल दिया था. स्टालिन ने मुख्यमंत्री का पद संभालने के बाद 20 मई, 2021 को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर राजीव गांधी हत्याकांड के सभी सात दोषियों की उम्रकैद की सजा माफ करने का अनुरोध किया था. उन्होंने एस. नलिनी, मुरुगन, शांतन, एजी पेरारिवलन, जयकुमार, रॉबर्ट पायस और पी. रविचंद्रन की रिहाई की भी मांग की.