Uttar Pradesh के 27 लाख से अधिक किसानों को मिलेगी आत्मनिर्भर कृषक समन्वित विकास योजना की सौगात
उत्तर प्रदेश के 27 लाख से अधिक किसानों को आत्मनिर्भर कृषक समन्वित विकास योजना की सौगात देकर प्रदेश सरकार इनकी आय में इजाफा करेगी. इसके लिए उक्त योजना पर सरकार 722.85 करोड़ रुपये खर्च करेगी. किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के जरिए खेती करने वाले किसानों की आय बढ़ाने के लिए खेत से बाजार तक हर स्तर पर सुविधा व संसाधन उपलब्ध कराने पर यह धनराशि अगले पांच वर्ष में खर्च होगी.
लखनऊ, 30 सितम्बर: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के 27 लाख से अधिक किसानों को आत्मनिर्भर कृषक समन्वित विकास योजना की सौगात देकर प्रदेश सरकार इनकी आय में इजाफा करेगी. इसके लिए उक्त योजना पर सरकार 722.85 करोड़ रुपये खर्च करेगी. किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के जरिए खेती करने वाले किसानों की आय बढ़ाने के लिए खेत से बाजार तक हर स्तर पर सुविधा व संसाधन उपलब्ध कराने पर यह धनराशि अगले पांच वर्ष में खर्च होगी. चालू वित्त वर्ष में इस योजना के लिए 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रदेश सरकार ने कर दी है.
इस योजना के अंतर्गत अब पांच वर्ष में 2725 कृषक उत्पादक संगठनों का गठन कर 27.25 लाख शेयर होल्डर किसानों को सीधे लाभान्वित किया जाएगा. कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार, राज्य में किसानों की आय में इजाफा करने के लिए सरकार ने हर ब्लाक में कम से कम एक एफपीओ के गठन का फैसला किया है. इसके तहत राज्य के 824 ब्लाक में से 408 ब्लाक में 693 एफपीओ गठित किए गए हैं. एक एफपीओ से करीब 500 से 1000 किसान जुड़े होते हैं.
एफपीओ के रूप में छोटे और सीमांत किसानों के समूह के पास फसलों की बिक्री के लिए मोल भाव की ताकत मिलती है, जिसके चलते अब आत्मनिर्भर कृषक समन्वित विकास योजना के तहत अगले पांच वर्षों में 2725 एफपीओ के गठन की योजना को तेज किया गया. अधिकारियों के मुताबिक एफपीओ के जरिए किसानों की आय में वृद्धि होगी. इसकी मदद से किसानों को अपनी उपज का मोल भाव करने का मौका मिलता है. किसान चाहे व्यापारियों या कंपनियों को सीधे उपज बेच रहा हो या अनुबंध खेती के जरिए खेती कर रहा है, उसे इन एफपीओ से बड़ी मदद मिलेगी.
एफपीओ के जरिये किसानों को अपनी उपज की सही कीमत पा सकेगा. आत्मनिर्भर कृषक समन्वित विकास योजना के तहत राज्य में कार्यरत एफपीओ से जुड़े किसान पांच लाख रुपए का लोन ऋण लेंगे उन्हें ऋण पर 4 प्रतिशत का अनुदान मिलेगा. इस तरह एफपीओ से जुड़े किसान कम ब्याज दर पर ऋण प्राप्त कर सकेंगे. इससे कृषि विकास से जुड़ी संस्थाएं कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास कर किसानों की खेती लागत में कमी व आय बढ़ाने का काम कर सकेंगी. यह भी पढ़े: Bharat Bandh Today: किसान संगठनों का भारत बंद शुरू, सैकड़ों किसानों ने नेशनल हाईवे किया जाम, रेलवे ट्रैक पर बैठे प्रदर्शनकारी- जानें आम आदमी पर कितना पड़ेगा असर
अधिकारियों के अनुसार, सरकार अगले पांच वर्ष तक प्रति वर्ष 625 एफपीओ का गठन करेगी. केंद्र सरकार की संस्थाओं के अलावा राज्य की यूपी डास्प, हॉर्टिकल्चर फेडरेशन, योग्य एफपीओ व स्वयं सेवी संस्थाएं इनके गठन का काम करेंगी. एफपीओ का गठन करने वाली कलस्टर बेस्ड बिजनेस ऑगेर्नाइजेशन को 5 वर्ष तक प्रति वर्ष 5-5 लाख रुपये तथा नव गठित एफपीओ को 6-6 लाख रुपये तक तीन वर्ष तक देने की योजना है. एफपीओ को फसल कटाई के बाद की अवसंरचना सुविधाओं के सृजन के लिए 3 प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराया जाएगा.
इससे एफपीओ से जुड़े 500 से लेकर 1000 किसान सीधे लाभ पाएंगे. प्रति वर्ष सीधे 3,000 रोजगार के अवसर सृजित होंगे. प्रत्येक एफपीओ से औसत 1.5 करोड़ का निवेश कराने की योजना है. अभी तक प्रदेश में खाद, बीज व अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने वाली कृषि सहकारी समितियां (पैक्स) मार्जिन मनी न होने की वजह से कृषि अवसंरचना निधि (एआईएफ) की स्कीम का लाभ नहीं ले पाती थी. अब प्रदेश की 1500 पैक्स इस स्कीम के जरिए किसानों को लाभ पहुंचा सकेंगी.