ओरेवा ग्रुप के एमडी और पिछले साल अक्टूबर में हुए मोरबी ब्रिज हादसे के मुख्य आरोपी जयसुख पटेल ने मंगलवार को न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया। बुधवार को उनकी अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई से एक दिन पहले पटेल ने आत्मसमर्पण कर दिया. अदालती सूत्रों के मुताबिक, मंगलवार दोपहर पटेल ने अदालत कक्ष में जाकर न्यायिक दंडाधिकारी के सामने आत्मसमर्पण किया. यह भी पढ़ें: भ्रष्टाचार के खिलाफ BMC का बड़ा एक्शन, 55 कर्मचारी बर्खास्त, 134 निलंबित
जांच अधिकारी और पुलिस उपाधीक्षक पीए जाला ने 30 अक्टूबर 2022 को झूला पुल ढहने से हुए हादसे के मामले में 27 जनवरी को आरोप पत्र दायर किया था, हादसे में 132 लोगों की मौत हुई थी.
चार्जशीट में जयसुख पटेल को मुख्य अभियुक्त के रूप में नामित किया गया था जो फरार था. पटेल के खिलाफ मुख्य आरोप यह है कि उन्हें पुल की मरम्मत करके एक साल बाद जनता के लिए इसे खोलना था, जल्दी पैसा कमाने के लिए, उन्होंने छह महीने के भीतर बिना फिटनेस प्रमाण पत्र के पुल को खोल दिया.
सस्पेंशन ब्रिज के मुख्य केबल में जंग पाया गया था, उन्होंने इसे नहीं बदला. पुल के लिए विशेषज्ञ इंजीनियरों की आवश्यकता थी, लेकिन उन्होंने साधारण फैब्रिकेटर से इसकी मरम्मत करवाई, जिससे इतना बड़ा हादसा हुआ.