बारिश-बाढ़ से देश के 16 राज्यों का बुरा हाल, 774 लोगों की मौत, जानें आपके शहर का हाल
हिमाचल प्रदेश में रातभर हुई भारी बारिश के बाद अंदरूनी इलाकों में ज्यादातर सड़कें सोमवार को परिवहन के लिए बंद हैं, जिसके चलते सैकड़ों यात्री फंसे हुए हैं. राज्य में मंडी जिले के नेहरी में सबसे ज्यादा 235 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई.
नई दिल्ली: केरल समेत देश के कई हिस्सों में बारिश राहत नहीं बल्कि कहर बनकर बरसी हैं. इस बीच मौसम विभाग ने देश के 16 राज्यों में दो दिन तक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है. एक ओर जहां बारिश की वजह से जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है, वहीं दूसरी ओर जानमाल का भी भारी नुकसान हुआ है. साथ ही केरल के कुछ इलाकों में पानी का स्तर बढ़ा रहा है जिसे बाढ़ का संकट कायम है. गृह मंत्रालय के अनुसार बाढ़ और बारिश से जुड़ी घटनाओं में अब तक 774 लोगों की मौत हो गई है.
बता दें कि नेशनल इमर्जेंसी रिस्पॉन्स सेंटर की रिपोर्ट के अनुसार केरल में 187, उत्तर प्रदेश में 171, पश्चिम बंगाल में 170 और महाराष्ट्र में 139 लोगों की जान गई है। आंकड़ों में कहा गया है कि गुजरात में 52, असम में 45 और नगालैंड में आठ लोगों की मौत हुई है. असम में एनडीआरएफ की 15, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में आठ-आठ, गुजरात में सात, केरल में 4, महाराष्ट्र में चार और नगालैंड में एक टीम को तैनात किया गया है.
इस बीच हिमाचल प्रदेश में रातभर हुई भारी बारिश के बाद अंदरूनी इलाकों में ज्यादातर सड़कें सोमवार को परिवहन के लिए बंद हैं, जिसके चलते सैकड़ों यात्री फंसे हुए हैं. राज्य में मंडी जिले के नेहरी में सबसे ज्यादा 235 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई. धर्मशाला में पिछले 24 घंटों में 110 मिलीमीटर बारिश हुई, जबकि शिमला में 100 मिलीमीटर, कसौली में 98 मिलीमीटर, सोलन में 94 मिलीमीटर और डलहौजी में 57 मिलीमीटर बारिश दर्ज हुई.
उधर भारी बारिश के चलते कर्नाटक के जलाशयों में जलजमाव का स्तर बढ़ता जा रहा है. वहीं, उत्तर प्रदेश, जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड और पंजाब के कई इलाकों में निरंतर बारिश और बाढ़ से स्थिति खराब है. उत्तराखंड के कई हिस्सों में बारिश और भूस्खलन से स्थिति बिगड़ी हुई है.
इस बीच केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को केरल के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति को बहुत गंभीर बताया तथा केंद्र से राज्य को हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया. रविवार दोपहर यहां पहुंचे राजनाथ ने इडुक्की और एर्नाकुलम जिलों का हवाई सर्वेक्षण किया और उसके बाद यह बयान दिया. इस दौरान उनके साथ केंद्रीय पर्यटन मंत्री के.जे. अल्फोंस और मुख्यमंत्री पिनरई विजयन भी थे.