Uttar Pradesh में मानसून की तबाही जारी, और बारिश होने के आसार, अबतक 38 लोगों की मौत
उत्तर प्रदेश में अब तक की सबसे भीषण मानसूनी तबाही देखने को मिल रही है, जिसने सामान्य जनजीवन को पूरी तरह से अस्त व्यस्त कर दिया है. पिछले 40 घंटों से लगातार हो रही भारी बारिश से अब तक 38 लोगों की मौत हो चुकी है.
लखनऊ, 17 सितम्बर: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में अब तक की सबसे भीषण मानसूनी तबाही देखने को मिल रही है, जिसने सामान्य जनजीवन को पूरी तरह से अस्त व्यस्त कर दिया है. पिछले 40 घंटों से लगातार हो रही भारी बारिश से अब तक 38 लोगों की मौत हो चुकी है. मौसम विभाग ने कहा कि बहराइच, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, कानपुर नगर, उन्नाव, लखनऊ, बाराबंकी, रायबरेली, अमेठी, सुल्तानपुर, अयोध्या, अंबेडकर नगर, फिरोजाबाद, औरैया, बरेली, पीलीभीत, इटावा में आंधी और बिजली के साथ भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है. यह भी पढ़े: राजस्थान, गुजरात में शनिवार से बढ़ेंगी बारिश की गतिविधियां
पिछले 36 घंटों में विभिन्न जिलों में 22 मिमी से अधिक बारिश दर्ज की गई है, जबकि लखनऊ में 235 मिमी बारिश दर्ज की गई है. अकेले बाराबंकी से नौ मौतों की सूचना मिली है, ज्यादातर दुर्घटनाएं घर के ढहने, और बड़े पैमाने पर जलभराव, बिजली और दूरसंचार व्यवधानों के कारण हुई है. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बारिश के कारण 15 लोगों की मौत हो गई, जबकि 10 से अधिक लोग हादसों में घायल हो गए. वहीं लखनऊ में करंट लगने से दो बच्चों की मौत हो गई. मौसम विभाग के पूवार्नुमान के मद्देनजर राज्य सरकार ने घोषणा की है कि राज्य के सभी स्कूल, कॉलेज और अन्य शैक्षणिक संस्थान शुक्रवार और शनिवार को बंद रहेंगे. हालांकि, 18 सितंबर से होने वाली यूपी बोर्ड की इम्प्रूवमेंट परीक्षाएं तय कार्यक्रम के अनुसार होंगी. मूसलाधार बारिश के कारण मुख्य रूप से राज्य के मध्य जिलों में फसलों को भारी नुकसान की सूचना मिली है. राज्य की राजधानी में कई अस्पतालों, पुलिस स्टेशनों और यहां तक कि नगर निगम कार्यालयों में भी पानी भर गया है. मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों का दौरा करने और राहत कार्य ठीक से सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने अधिकारियों से मुआवजे को तय करने के लिए प्रत्येक क्षेत्र में नुकसान का आकलन करने को भी कहा है.
लखनऊ में स्थिति सबसे खराब है, जहां लगातार बारिश के बाद माल एवेन्यू और राजभवन कॉलोनी सहित पॉश इलाके नहर में तब्दील हो गए और कई वाहन जलमग्न हो गए है. लगभग एक दर्जन कारें कच्ची सड़कों पर गिर गईं, जबकि 100 से अधिक कारें पानी में डूब जाने से क्षतिग्रस्त हो गईं. 150 से अधिक पेड़ गिरे और 300 बिजली के खंभे गिरे. राज्य की राजधानी में 60 से अधिक ट्रांसफार्मरों में खराबी आ गई, जिसके कारण बड़े और लंबे समय तक बिजली बाधित रही. सड़क, रेल और हवाई यातायात भी बाधित है. अधिकतम तापमान सामान्य से आठ डिग्री कम 25 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया है. मौसम विभाग ने भविष्यवाणी की है कि शुक्रवार से बारिश की तीव्रता कम होने लगेगी, लेकिन अगले 48 घंटों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है. राहत आयुक्त रणवीर प्रसाद ने कहा कि मौसम विभाग ने शुक्रवार के लिए भी अलर्ट जारी किया है और राज्य की मशीनरी स्थिति से निपटने के लिए कमर कस रही है. लखनऊ में पुलिस कमिश्नरेट और जिला मजिस्ट्रेट ने एक एडवाइजरी जारी कर लोगों से कहा है कि जब तक बहुत जरूरी न हो अपने घरों से बाहर न निकलें. लोगों को बिजली के खंभों से दूर रहने और गड्ढों वाली सड़कों से दूर रहने को कहा गया है.