Independence Day 2023: अगली बार लाल किले पर तिरंगा नहीं फहराएंगे मोदी; पीएम के ऐलान पर विपक्ष का पलटवार

राष्ट्रीय जनता दल (RJD) प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने मंगलवार को दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आखिरी बार लाल किले की प्राचीर से झंडा फहरा रहे हैं क्योंकि देश उनकी जुमलेबाजी से नाराज है.

PM Modi and Lalu Prasad | PTI

नई दिल्ली: राष्ट्रीय जनता दल (RJD) प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने मंगलवार को दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आखिरी बार लाल किले की प्राचीर से झंडा फहरा रहे हैं क्योंकि देश उनकी जुमलेबाजी से नाराज है. लालू प्रसाद (Lalu Prasad Yadav) ने कहा, "नरेंद्र मोदी आखिरी बार लाल किले की प्राचीर से राष्ट्रीय ध्वज फहरा रहे हैं. हम केंद्र में अगली सरकार बनाएंगे. नरेंद्र मोदी सरकार की जुमलेबाजी से देश नाराज है. हमें उम्मीद है कि मोदी लाल किले से अपने आखिरी भाषण में सही काम करेंगे. उनका समय खत्म हो चुका है. आगे हम लोग आने वाले हैं. लाल किले की प्राचीर से पीएम मोदी की हुंकार! अगले साल मैं फिर आऊंगा | Video.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से 10वीं बार तिरंगा फहराएगा. इस दौरान पीएम मोदी ने अपने संबोधन में ऐलान किया कि वे 2024 में भी लाल किले पर तिरंगा फहराएंगे. मल्लिकार्जुन खड़गे ने इसपर पलटवार करते हुए कहा कि मोदी झंडा तो फहराएंगे, लेकिन अपने घर पर. खड़गे ने कहा, वे (मोदी) अहंकार की तरह बोल रहे हैं. हर इंसान कहता है कि मैं ही जीतूंगा. लेकिन जीताती तो जनता ही है.

घर पर तिरंगा फहराएंगे मोदी:

अगले साल फिर आऊंगा: PM मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को विश्वास जताया कि वह अगले साल लाल किले की प्राचीर से एक बार फिर राष्ट्र को संबोधित करेंगे और जनता से किए गए वादों की प्रगति उनके समक्ष प्रस्तुत करेंगे. प्रधानमंत्री ने 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले स्वतंत्रता दिवस के अपने अंतिम संबोधन में कहा, ‘‘अगली बार 15 अगस्त को इसी लाल किले से मैं आपको देश की उपलब्धियां, आपके सामर्थ्य, आपके संकल्प, उसमें हुई प्रगति, उसकी सफलता और गौरवगान... पूरे आत्मविश्वास के साथ आपके सामने प्रस्तुत करूंगा.’’

लाल किले की प्राचीर से 77वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा, ‘‘बदलाव का वादा मुझे यहां ले आया. मेरा प्रदर्शन मुझे एक बार फिर यहां ले आया. आने वाले पांच साल अभूतपूर्व विकास के हैं. वर्ष 2047 तक एक विकसित राष्ट्र के रूप में भारत के सपने को साकार करने के लिए यह एक स्वर्णिम क्षण है.’’

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