नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) के बीच स्वास्थ्यकर्मियों पर हो रहे हमलो को लेकर भारत सरकार की तरफ से बुधवार को केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर (Prakash Javadekar)ने प्रेस कांफ्रेस कर नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्यकर्मियों के खिलाफ होने वाले हमले और दुर्व्यवहार को बिलकुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा बल्कि उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दी जायेगी. उनकी सुरक्षा के लिए सरकार पूरा संरक्षण देने वाला अध्यादेश लाने जा रही है. जिस अध्यादेश को पीएम मोदी के हस्ताक्षर के बाद ये तुरंत प्रभाव से जारी किया जाएगा. स्वास्थ से जुड़े डॉक्टरों ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है.
सरकार के इस फैसले के बाद राम मनोहर लोहिया अस्पताल के डॉक्टर सुमेध संदनशिव ने मीडिया से बातचीत में कहा कि हम केंद्र के के फैसले का स्वागत करते हैं. यह फैसला डॉक्टर और हेल्थकेयर प्रफेशनल का हौसला बढ़ाएगा. भविष्य में भी इस ऐक्ट को लागू रखना चाहिए. यह भी पढ़े: दिल्ली: महिला डॉक्टर पर लोक नायक अस्पताल में हमला, दूसरे डॉक्टर के साथ भी मरीजों ने की मारपीट
We welcome this step by the Centre. This will boost the morale of doctors &all healthcare staff. This act should be implemented for future also and not just during this pandemic: Dr. Sumedh Sandanshiv, at Delhi's RML hospital on ordinance to curb violence against health workers pic.twitter.com/PF4RtfWsug
— ANI (@ANI) April 22, 2020
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने मीडिया के बातचीत में कहा कि यदि कोई मेडिकल टीम पर हमला करता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करते हुए 3 महीने से 5 साल की सजा हो होगी ही. इसके साथ ही पांच लाख से दो लाख रुपए तक का जुर्माना लगाया जाएगा. इस दौरान यदि किसी डॉक्टर या स्वास्थ्यकर्मियों को गंभीर चोट आई तो इस अपराध के लिए आरोपी के खिलाफ 6महीने से 7 साल की सजा का प्रावधान और जुर्माना एक लाख से5 लाख रुपए तक लगाया जाएगा.
केन्द्रीय मंत्री ने कहा अगर मेडिकल टीम के वाहनों या क्लीनिकों को नुकसान पहुंचाया तो इसके जो लिए भी कानून बनाया गया है. अपराधियों से क्षतिग्रस्त की गई संपत्ति का बाजार मूल्य से दोगुना दाम मुआवजे के रूप में वसूला जाएगा. दरअसल दो दिन पहले इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने नाराजगी जाहिर की है. उनकी तरफ से चेतावनी दी गई है कि यदि सरकार जल्द से जल्द ऐसी घटनाओं को रोकने को लेकर कानून नही बनाती है तो आईएमए 23 अप्रैल को काला दिवस यानि की ब्लैक डे घोषित करने पर वे मजबूर हो जाएंगे.