केंद्रीय विज्ञान और प्रोद्योगिकी मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने सोमवार को विभिन्न एजेंसियों द्वारा निर्मित भू-स्थानिक (Geo-Spatial) डेटा के निर्माण, अधिग्रहण, प्रसार और उपयोग के लिए दिशा-निर्देशों का अनावरण किया. उन्होंने भू-स्थानिक डेटा को उद्योगों के लिए अहम करार दिया. उन्होंने बताया यह पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य हासिल करने में मदद करेंगे.
छोटे कारोबारी होंगे सशक्त
दिशा-निर्देश जारी करने के बाद डॉक्टर हर्षवधन ने संवाददाताओं को बताया कि इनसे स्टार्ट अप और मैपिंग इनोवेटर को बढ़ावा मिलेगा. इससे छोटे कारोबारी सशक्त होंगे. डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा कि मानचित्र और सटीक जियो स्पैटियल आंकड़े नदियों को जोड़ने और औद्योगिक गलियारों के निर्माण जैसी राष्ट्रीय ढांचागत परियोजनाओं के लिए महत्वपूर्ण हैं. यह भी पढ़े: PM Narendra Modi, Mann Ki Baat : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात में कहा, कृषि क्षेत्र, किसान,गांव, आत्मनिर्भर भारत का आधार है
मानचित्र तैयार करने के लिए सरकार प्रयासरत
उन्होंने यह भी बताया कि मानचित्र तैयार करने के लिए भी सरकार प्रयासरत है. इस काम के लिए भी लोगों से फंड जुटाया जाएगा. दरअसल, भू-स्थानिक डेटा का संकलन प्रोद्योगिकी का इस्तेमाल कर मानचित्र तैयार कर विश्लेषण करने में मददगार साबित होगा. इसकी बदौलत जीवन की दैनिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए सटीक सूचना मिलती है.
जियो स्पेशल डेटा आधुनिक उद्योगों की सफलता के लिए महत्वपूर्ण
भू स्थानिक डाटा का ही प्रयोग कर कई तरह से उपकरणों का विकास उनकी कार्यकुशलता और दक्षता में बढ़ोतरी आसानी से की जा सकती है. बात चाहे मौसम सम्बंधी प्रबंधन की हो या आपदा प्रबंधन या जल संसाधनों प्रबंधन की, आज कई क्षेत्रों में भू-स्थानिक डेटा का प्रयोग किया जा रहा है.
भारत में मानचित्र निर्माण पूरी तरह से हुआ नियंत्रण मुक्त
वहीं केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने जानकारी दी कि 15 फरवरी 2021 से भारत में मानचित्र निर्माण पूरी तरह से नियंत्रण मुक्त हो गया है. साथ ही उन्होंने जानकारी दी कि यह प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भरता और आत्मनिर्भर भारत के तहत किया गया है.
भू स्थानिक प्रोद्योगिकी और रिमोट सेंसिग की नीतियों को उदार बनाने के फैसले की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट किया.उन्होंने ट्वीट में लिखा यह आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम है. उन्होंने लिखा सरकार ने डिजिटल इंडिया के लिए विशेष जोर दिया है. इसके अलावा प्रधानमंत्री ने लिखा कि ये देश के स्टार्टअप अनुसंधान को बढ़ावा देने वाला भी होगा.
Our government has taken a decision that will provide a huge impetus to Digital India. Liberalising policies governing the acquisition and production of geospatial data is a massive step in our vision for an Aatmanirbhar Bharat. #mapmakingsimplified https://t.co/ssbPhAeSp1
— Narendra Modi (@narendramodi) February 15, 2021
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे कृषि से क्षेत्र के लिए भी लाभकारी करार दिया. उन्होंने लिखा किसानों को भी इससे लाभ होगा.
India’s farmers will also be benefited by leveraging the potential of geo-spatial & remote sensing data. Democratizing data will enable the rise of new technologies & platforms that will drive efficiencies in agriculture and allied sectors. #mapmakingsimplified #Freedom2MapIndia
— Narendra Modi (@narendramodi) February 15, 2021
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक अब तक जियो स्पैटियल संबंधी अनेक आंकड़े प्रतिबंधित क्षेत्रों में ही इस्तेमाल किये जाते थे. लेकिन अब समुचित नीति और दिशा-निर्देश तैयार होने से ये स्वतंत्र और सार्वजनिक रूप से उपलब्ध होंगे.