MNREGA Budget: मल्लिकार्जुन खड़गे ने मनरेगा बजट में कटौती के लिए केंद्र की आलोचना की, कहा- कोविड लॉकडाउन के दौरान मनरेगा एक जीवनरक्षक था
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार को यूपीए सरकार की मनरेगा योजना की सराहना की और इसके बजट में कटौती के लिए भाजपा सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि यह कोविड लॉकडाउन के दौरान जीवनरक्षक बनी और करोड़ों श्रमिकों के लिए सुरक्षा जाल के रूप में काम किया.
नई दिल्ली, 23 अगस्त: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार को यूपीए सरकार की मनरेगा योजना की सराहना की और इसके बजट में कटौती के लिए भाजपा सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि यह कोविड लॉकडाउन के दौरान जीवनरक्षक बनी और करोड़ों श्रमिकों के लिए सुरक्षा जाल के रूप में काम किया. यह भी पढ़ें: CM Mamata Lashes Out At ED: ममता ने नए सिरे से तलाशी अभियान चलाने को लेकर ईडी पर हमला बोला
खड़गे ने एक ट्वीट में कहा, "2005 में आज ही के दिन हमारी कांग्रेस-यूपीए सरकार ने करोड़ों लोगों को 'काम का अधिकार' सुनिश्चित करने के लिए मनरेगा लागू किया था." केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार पर हमला बोलते हुए कांग्रेस नेता ने कहा, 'भले ही मोदी सरकार ने इस साल मनरेगा के बजट में 33 फीसदी की कटौती की है और उस पर 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का 6,366 करोड़ रुपये का मनरेगा मजदूरी बकाया है, फिर भी कांग्रेस के समय शुरू हुआ यह प्रमुख कार्यक्रम अब भी 14.42 करोड़ सक्रिय श्रमिकों का समर्थन करता है, जिनमें से आधे से अधिक महिलाएं हैं.''
उन्होंने कोविड महामारी के दौरान योजना द्वारा निभाई गई भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा, "कोविड लॉकडाउन के दौरान मनरेगा एक जीवनरक्षक था और इसने करोड़ों श्रमिकों के लिए सुरक्षा जाल के रूप में काम किया, जिससे महामारी के दौरान उनकी आय के 80 प्रतिशत नुकसान की भरपाई हुई."
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) 25 अगस्त 2005 को अधिनियमित भारतीय कानून है. मनरेगा वैधानिक न्यूनतम वेतन पर सार्वजनिक कार्य-संबंधी अकुशल शारीरिक कार्य करने के इच्छुक किसी भी ग्रामीण परिवार के वयस्क सदस्यों को प्रत्येक वित्तीय वर्ष में सौ दिनों के रोजगार की कानूनी गारंटी प्रदान करता है.