मोदी सरकार का बड़ा फैसला, मेघालय के उग्रवादी संगठन HNLC पर लगाया बैन
पीएम मोदी (Photo Credits: ANI)

नई दिल्ली. मेघालय में सक्रिय उग्रवादी समूह हिनीवट्रेप नेशनल लिबरेशन काउंसिल (एचएनएलसी) को उसकी हिंसात्मक एवं विध्वसंक गतिविधियों के कारण केंद्र सरकार ने प्रतिबंधित कर दिया है.गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा कि एचएनएलसी, उसके सभी धड़ों, शाखाओं और उससे जुड़े संगठनों ने भारतीय संघ से राज्य के उन क्षेत्रों को अलग करने के अपने उद्देश्य की सार्वजनिक घोषणा की है, जिनमें मुख्य रूप से खासी और जयंतिया जनजातियां रहती हैं. उसने कहा कि यह समूह जबरन धन वसूलने के लिए आम लोगों को डराता-धमकाता और परेशान करता है, जबरन वसूली एवं धमकाने के लिए पूर्वोत्तर के अन्य उग्रवादी समूहों से संबंध रखता है और इसने अपने सदस्यों को पनाह और प्रशिक्षण देने के लिए बांग्लादेश में शिविर स्थापित किए हैं.

केंद्र सरकार का यह भी मानना है कि एचएनएलसी की गतिविधियों से भारत की संप्रभुता एवं अखंडता को खतरा है. मंत्रालय ने कहा कि यदि इन गतिविधियों को तत्काल नियंत्रित नहीं किया गया तो एचएनएलसी स्वयं को फिर से एकजुट करेगा और सशक्त बनाएगा, अपने सदस्यों की संख्या बढ़ाएगा, अत्याधुनिक हथियार खरीदेगा, आम नागरिकों और सुरक्षा बलों के जीवन को खतरा पहुंचाएगा और अपनी राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को बढ़ाएगा. यह भी पढ़े-ममता बनर्जी का बयान, कहा-BJP आतंकी संगठन, मुस्लिमों को ही नहीं हिन्दुओं को भी लड़वा रही

मेघालय के उग्रवादी संगठन HNLC पर बैन, मोदी सरकार का फैसला

अधिसूचना में कहा गया है कि केंद्र सरकार अवैध गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम 1967 की धारा तीन की उपधारा (एक) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए एचएनएलसी, उसके सभी धड़ों, शाखाओं और इससे जुड़े संगठनों को अवैध घोषित करती है.

मंत्रालय ने एक आम नागरिक की हत्या समेत एचएनएलसी द्वारा हाल में की गई हिंसात्मक घटनाओं, इसके 16 सदस्यों की गिरफ्तारी, चार हथियारों की बरामदगी, इसके 14 सदस्यों के आत्मसमर्पण और लोगों के अपहरण की घटनाओं को भी सूचीबद्ध किया.

गौरतलब है कि इससे पहले संसद के शीतकालीन सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोले कि अगर पिछले 5 साल को देखें तो तीन तलाक का कानून इसी सदन ने पास किया. साथ ही इसी सदन ने सामान्य वर्ग के गरीब परिवार को आरक्षण देने का फैसला किया. वही जीएसटी और जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने का काम भी इसी सदन ने किया.

(भाषा इनपुट के साथ)