विशाखापत्तनम के गीतम मेडिकल कॉलेज की एक फाइनल ईयर की मेडिकल छात्रा ने मंगलवार की तड़के सिकंदराबाद-विशाखापत्तनम दुरंतो एक्सप्रेस में एक गर्भवती महिला को उसके बच्चे को जन्म देने में मदद की. 28 वर्षीय महिला अपने पति के साथ विशाखापत्तनम लौट रही थी कि ट्रेन में उसे प्रसव पीड़ा हुई. गीतम इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (जीआईएमएसआर) के एक हाउस सर्जन डॉ के स्वाति रेड्डी उसी ट्रेन में यात्रा कर रही थीं. द टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, मंगलवार की तड़के 28 वर्षीय गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा होने के बाद उसने प्रसव कराया. यह भी पढ़ें: जीतन राम मांझी का विवादित बयान, बोले- 12 करोड़ है बिहार की आबादी... रेप जैसी घटनाएं होती रहती हैं
डॉक्टर ने कहा कि डिलीवरी थर्ड एसी डिब्बे में की गई जिसमें वह यात्रा कर रही थी. महिला के पति ने लगभग साढ़े तीन बजे डॉ स्वाति से संपर्क किया और कहा कि उनकी पत्नी को प्रसव पीड़ा हो रही है. भले ही यह डॉक्टर की अपनी पहली डिलीवरी थी, लेकिन सब कुछ योजना के अनुसार हुआ क्योंकि महिला ने सुबह 5:35 बजे अपने बच्चे को सुरक्षित रूप से जन्म दिया. "मैं बहुत चिंतित थी और डर भी जकड़ा हुआ था क्योंकि यह पहली डिलीवरी है जो मैंने अपने दम पर की थी.
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►సికింద్రాబాద్-విశాఖపట్నం దురంతో ఎక్స్ప్రెస్లో ప్రయాణిస్తున్న ఒక మహిళకు అదే రైలులో ప్రయణిస్తున్న మెడిసిన్ విద్యార్దిని పురుడు పోసిన ఘటన వైరల్ గా మారింది.
►సత్యవతి అనే ఓ గర్భిణికి పురిటి నొప్పులు ప్రారంభమయ్యాయి.@GITAMUniversity pic.twitter.com/4627lkET7d
— DD News Andhra (అధికారిక ఖాతా) (@DDNewsAndhra) September 14, 2022
इससे पहले, मैंने अस्पताल में प्रोफेसरों की सहायता की थी. शुरू में मैं चिंतित थी और डर भी रही थी क्योंकि प्लेसेंटा 45 मिनट तक बाहर नहीं आया था. द टाइम्स ऑफ इंडिया ने डॉ स्वाति के हवाले से कहा, "जब बच्चा बाहर आया तो मुझे राहत मिली."प्रसव के बाद, पुलिसकर्मियों ने अनाकापल्ले रेलवे स्टेशन पर एक एम्बुलेंस की व्यवस्था की और महिला और उसके नवजात बच्चे को एनटीआर सरकारी स्वास्थ्य अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया. स्वाति मां और उसके बच्चे को लेकर अस्पताल पहुंची और उन्हें क्टरों डॉको सौंप दिया. भले ही प्रसव समय से पहले हुआ हो, लेकिन बच्ची और उसकी मां की हालत ठीक है.