गढ़वाल में बड़े पैमाने पर धर्मांतरण, मसूरी चर्च के पादरी ने कर दिया बड़ा खेल, जनता में आक्रोश
राज्य सरकार धर्मांतरण रोकने के लिए कड़ा कानून लाने के दावे करते नहीं थक रही, लेकिन प्रदेश के पर्वतीय इलाकों में धर्मांतरण का खेल लगातार जारी है. बीते महीने काशीपुर में 500 से ज्यादा लोगों के हिंदू धर्म छोड़ने का दावा किया गया था.
देहरादून/उत्तरकाशी, 27 दिसम्बर : राज्य सरकार (State Government) धर्मांतरण रोकने के लिए कड़ा कानून लाने के दावे करते नहीं थक रही, लेकिन प्रदेश के पर्वतीय इलाकों में धर्मांतरण का खेल लगातार जारी है. बीते महीने काशीपुर में 500 से ज्यादा लोगों के हिंदू धर्म छोड़ने का दावा किया गया था. अब मसूरी के एक चर्च का पादरी अपनी टीम लेकर उत्तरकाशी के पुरोला स्थित गांव गया था. ताकि वहां के लोगों का धर्म परिवर्तन करा सके. शुरूआती जांच के बाद पुलिस ने पादरी, उसकी पत्नी और चार अन्य को नामजद करते हुए केस दर्ज किया है. मामला छिवाला गांव का है. छिवाला कम आबादी वाला गांव है, यहां उत्तराखंड मूल के निवासियों के साथ-साथ नेपाल मूल के लोग भी रहते हैं. बीते दिनों कुछ लोग गांव में धर्म परिवर्तन करा रहे थे, तभी इन्हें स्थानीय लोगों ने पकड़ लिया. इस दौरान स्थानीय लोगों की धर्मांतरण कराने आए लोगों के साथ कहासुनी और मारपीट भी हो गई थी. पुलिस ने दोनों ओर से मुकदमे दर्ज कर लिए थे.
अब जांच के बाद धर्मांतरण कानून के तहत दर्ज हुए मुकदमे में मसूरी के पादरी पेस्टर जेजारस कोर्निलियस और उनकी पत्नी पुष्पा कोर्निलियस के नाम भी जांच में शामिल कर लिए गए हैं. मामले में कई बड़े खुलासे हुए हैं. बताया जा रहा है कि पादरी और उसकी टीम छिवाला गांव में सालों से आ-जा रही थी. यहां गुपचुप तरीके से प्रार्थना सभाएं हो रही थीं. ये लोग गांव के लोगों के बीच उनके मूलधर्म को लेकर कई तरह के भ्रम फैला रहे थे, उन्हें अपने धर्म से जुड़ा साहित्य बांट रहे थे. ग्रामीणों को लालच भी दिया गया. गांव के कई लोग प्रलोभन में आ गए और धर्म परिवर्तन भी करा लिया था. यह भी पढ़ें : हरियाणा में डचेन मस्कुलर डिस्ट्रॉफी के मरीजों को 2,500 रुपये की मासिक पेंशन दी जाएगी: अनिल विज
अब इस मामले में पादरी समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ धर्मांतरण के आरोप में केस दर्ज हुआ है. आरोपी पादरी पेस्टर जेजारस कोर्निलियस मसूरी के यूनियन चर्च के पादरी हैं. जांच के बाद आरोपी पादरी और अन्य को जल्द गिरफ्तार किया जा सकता है. धर्म परिवर्तन का मामला सामने आने के बाद प्रशासन पूरे गांव पर नजर बनाए हुए है. बता दें कि धार्मिक स्वतंत्रता कानून में संशोधन के बाद प्रदेश में धर्मांतरण के आरोप में यह पहला मामला दर्ज हुआ है. संशोधन के बाद इस कानून के तहत सजा को 10 साल किया गया है.
इस मामले पर एडीजी, कानून व्यवस्था एवं पुलिस प्रवक्ता 'वी मुरुगेशन' ने कहा कि, पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों को धर्मांतरण की शिकायतों को गंभीरता से लेने के निर्देश दिए हैं. जनभावनाओं से जुड़े इस मुद्दे को लेकर जो भी शिकायत आए उस पर तत्काल कार्रवाई करने को कहा गया है. मामले की प्राथमिकता के आधार पर जांच करने के निर्देश दिए गए हैं. जल्द से जल्द कार्रवाई करने को भी कहा गया है. जिले में कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए भी पुलिस को निर्देशित किया गया है.
क्या है पूरा मामला:- उत्तराखंड के उत्तरकाशी में क्रिसमस पर सामूहिक धर्मांतरण का मामला सामने आया. मामला पुरोला के देवढुंग क्षेत्र का है. आरोप है कि 23 दिसंबर को एनजीओ के नव निर्मित भवन के बाहर कार्यक्रम का आयोजन हुआ था. इस कार्यक्रम में एक ईसाई मिशनरी से जुड़े कुछ लोगों के साथ नेपाली मूलके लोगों के साथ स्थानीय लोग भी शामिल हुए थे. ग्रामीणों और हिंदू संगठनों का आरोप है कि ईसाई मिशनरी सामूहिक धर्मांतरण का काम कर रही है. इस मामले में विश्व हिंदू परिषद ने पुलिस को तहरीर भी दी तहरीर के आधार पर एक नामजद सहित ईसाई मिशनरी के कुछ लोगों के खिलाफ पुलिस ने उत्तराखंड धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 2018 के तहत मुकदमा दर्ज किया है. वहीं, इसके बाद मिशनरी के लोगों ने भी वीएचपी के कुछ लोग समेत 5 ग्रामीणों के खिलाफ क्रॉस एफआईआर कराई है.