Mahatma Gandhi: महात्मा गांधी की जयंती पर उनके पसंदीदा शहर लंदन में मनाए जाएंगे कई कार्यक्रम
महात्मा गांधी (Photo Credits: Wikimedia Commons)

लंदन: मोहनदास करमचंद गांधी (Mohandas Karamchand Gandhi) अपने 19वें जन्मदिन से पहले कानून की पढ़ाई करने के लिए इंग्लैंड पहुंचे थे और ऐसा कहा जाता है कि वह जल्द ही लंदन की जिंदगी में पूरी तरह से ढल गए थे. इंग्लैड की राजधानी लंदन में कई स्थानों का रिश्ता महात्मा गांधी से है और भारतीय उच्चायोग इन्हीं स्थानों का इस्तेमाल गांधी की 150 जयंती का उत्सव मनाने के लिए कर रही है.

प्रमुख ब्रिटिश-भारतीय शिक्षाविद् लॉर्ड मेघनाद देसाई ने कहा, "मोहनदास गांधी को लंदन बहुत पसंद आया था. वह अपने 19वें जन्मदिन से ठीक पहले यहां पहुंचे थे. वह पोरबंदर के सकुचाए से युवक थे और लंदन की जीवनशैली को अपना लेने को बेकरार थे."

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देसाई ब्रितानी भारतीय शिक्षक हैं और उन्होंने हाल ही में महात्मा गांधी के नाम से कई छात्रवृतियां शुरू की हैं. वह गांधी स्टैच्यू मेमोरियल ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं. उन्होंने कहा, "बाद में जब वह तीन साल बाद यहां से गए तब एक वकील के रूप में विश्वासी युवा व्यक्ति बन चुके थे." पुराने रिकॉर्ड से पता चलता है कि भारत से आने वाले ज्यादातर छात्रों की अपेक्षा गांधी की निकटता यहां के स्थानीय लोगों से ज्यादा थी.

गांधी इस शहर में शाकाहारी खाने की तलाश करते हुए कई तरह के विचारों के लोगों के नजदीक आ गए. इसमें अराजकतावादी, समाजवादी और ईसाई थे. शहर के कोने से कोने से परिचित होते हुए उन्होंने गाइड टू लंदन का मसौदा भी तैयार कर लिया. हालांकि यह प्रकाशित नहीं हुआ.

ट्राफलगर स्क्वायर के निकट द विक्टोरिया नाम के प्रसिद्ध होटल में कुछ समय तक महात्मा गांधी रूके भी थे. इसे देखते हुए भारतीय उच्चायोग ने यहां वैल्युज एंड टीचिंग्स ऑफ महात्मा पर विशेष बातचीत का आयोजन किया है.